अयोध्या में भगवान राम मंदिर (Lord Ram Temple) के आगामी 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा के लिए देश-विदेश से मेहमानों को आमंत्रित किया जा रहा है, लेकिन इस कार्यक्रम से कुछ ऐसे बड़े चेहरे ही गायब हैं, जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन (Ram Mandir Movement) की लड़ाई लड़ने में बेहद महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इन्हीं चेहरों में से एक हैं प्रवीण तोगड़िया (Praveen Togadia) ।
अयोध्या। अयोध्या में भगवान राम मंदिर (Lord Ram Temple) के आगामी 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा के लिए देश-विदेश से मेहमानों को आमंत्रित किया जा रहा है, लेकिन इस कार्यक्रम से कुछ ऐसे बड़े चेहरे ही गायब हैं, जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन (Ram Mandir Movement) की लड़ाई लड़ने में बेहद महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इन्हीं चेहरों में से एक हैं प्रवीण तोगड़िया (Praveen Togadia) । वे विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। भाजपा ने पालमपुर अधिवेशन में जब राम मंदिर (Ram Temple) के लिए आंदोलन चलाने का निर्णय लिया था, तब से वे विहिप के सर्वप्रमुख पदाधिकारी रहते हुए उन्होंने आंदोलन चलाने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की।
कुछ राजनीतिक मतभेद के चलते वे इस समय संगठन से बाहर हैं। माना जा रहा है कि इस मतभेद के चलते ही उन्हें राम मंदिर (Ram Temple) के उद्घाटन कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया है, लेकिन उन्हें इस बात का कष्ट नहीं है कि उन्हें इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित नहीं किया गया, बल्कि अपने जीवन के सबसे बड़े लक्ष्य को पूरा होते देख उन्हें खुशी है।
प्रवीण तोगड़िया (Praveen Togadia) ने कहा कि राम मंदिर (Ram Temple) के उद्घाटन कार्यक्रम के लिए उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया है। उन्होंने इस तरह के निमंत्रण के लिए नहीं, बल्कि लाठी-गोली खाने के लिए आंदोलन चलाया था। उन्हें इस बात की खुशी है कि उनके जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य आज पूरा होने जा रहा है।
उन्हें इस बात का सदैव गर्व रहेगा कि उन्होंने इस आंदोलन के लिए 1984 से 2018 तक हर मोर्चे पर अपनी सहभागिता दी। आंदोलन चलाने के पीछे हमारा उद्देश्य था कि भगवान राम को उनकी जन्मभूमि पर विराजमान किया जाए। आज वह संकल्प पूरा होते देख उन्हें बेहद हर्ष हो रहा है। इससे बढ़कर कोई दूसरी बात उनके लिए नहीं हो सकती।
आंदोलनकारियों को मिले भारत रत्न व पद्मश्री देकर उनका सम्मान करना चाहिए
प्रवीण तोगड़िया (Praveen Togadia) ने कहा कि राम मंदिर (Ram Temple) का निर्माण केवल एक मंदिर का बनना नहीं है। यह भारत के सनातन गौरव की वापसी और हिंदुत्व के वैश्विक पटल पर उत्थान का काल है। इस अवसर पर उन आंदोलनकारियों का सम्मान किया जाना चाहिए जिन्होंने राम मंदिर (Ram Temple) के लिए निःस्वार्थ आंदोलन चलाया था और अपने प्राणों की आहूति दी थी।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को उद्घाटन अवसर पर ही विहिप के सबसे बड़े नेता अशोक सिंहल, महंत अवैद्यनाथ, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, आचार्य धर्मेंद्र जैसे लोगों को भारत रत्न (Bharat Ratna) देने की घोषणा करनी चाहिए। साथ ही जिन राम भक्तों ने आंदोलन में अपने प्राणों को न्योछावर किया था, उन्हें भी पद्मश्री (Padmashree) देकर उनका सम्मान करना चाहिए।