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बाहुबली मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर केस के अब दूसरे मामले में 5 साल की कैद की सजा सुनाई गई

यूपी के बाहुबली मुख्तार अंसारी (Baahubali Mukhtar Ansari)  की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जेलर को धमकाने के मामले में सात साल की सजा के बाद अब मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को गैंगस्टर के मामले में भी दोषी करार दिया गया है। तीन दिन के अंदर मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari)  को दूसरे केस में सजा सुनाई गई है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। यूपी के बाहुबली मुख्तार अंसारी (Baahubali Mukhtar Ansari)  की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जेलर को धमकाने के मामले में सात साल की सजा के बाद अब मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को गैंगस्टर के मामले में भी दोषी करार दिया गया है। तीन दिन के अंदर मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari)  को दूसरे केस में सजा सुनाई गई है। बता दें कि गैंगस्टर के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच (Allahabad High Court and its Bench at Lucknow) ने शुक्रवार को मुख्तार को पांच साल की सजा सुनाई है।

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बता दें कि इसके साथ ही हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari)  पर 50 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच (Allahabad High Court and its Bench at Lucknow)  ने गैंगस्टर एक्ट (Gangster Case) के तहत 23 साल पुराने एक मामले में भी मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari)  को दोषी करार दिया है। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह (Justice Dinesh Kumar Singh) की एकल पीठ ने यह निर्णय राज्य सरकार की अपील पर पारित किया है। इस मामले की एफआईआर (FIR) वर्ष 1999 में थाना हजरतगंज में दर्ज की गई थी।

इससे पहले मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को जेलर एसके अवस्थी को धमकाने के मामले में तीन अलग-अलग धाराओं के तहत अधिकतम 7 साल की सजा सुनाई थी। खास बात है कि यह भी फैसला हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने राज्य सरकार की अपील को मंजूर करते हुए सुनाया था।

जानें क्या है जेलर को धमकाने का केस?
साल 2003 में तत्कालीन जेलर एसके अवस्थी ने थाना आलमबाग में मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसके अनुसार, जेल में मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने का आदेश देने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी। इसके साथ ही उनके साथ गाली गलौज करते हुए मुख्तार ने उन पर पिस्तौल भी तान दी थी। इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने मुख्तार को बरी कर दिया था, जिसके खिलाफ सरकार ने अपील दाखिल की थी। मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरोपी अंसारी को आईपीसी की धारा 353 के तहत 2 साल सजा और 10 हजार का जुर्माना, धारा 504 के तहत 2 साल की सजा और 2 हजार का जुर्माना व धारा 506 के तहत सात साल की सजा और 25 हजार के जुर्माना लगाने का फैसला सुनाया। हालांकि इन सभी सजाओं को एक साथ चलाया जाएगा, जिसका मतलब है कि अंसारी को सभी धाराओं के तहत कुल मिलकार अधिकतम 7 साल की कैद और 37 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

मुख्तार अंसारी बांदा जेल में हैं बंद
मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) अभी बांदा जेल (Banda Jail) में बंद हैं और उनकी सुरक्षा के लिए जेल प्रशासन के साथ कानपुर के एक डिप्टी जेलर की ड्यूटी लगाई गई है। जेल प्रशासन के मुताबिक, मुख्तार की सुरक्षा में करीब 32 सुरक्षाकर्मी 24 घंटे में ड्यूटी पर लगाए गए हैं। जिसमे अंदर की बैरक में रहने वाले सुरक्षाकर्मी बॉडी कैम से लैस रहते हैं। यानी हर गतिविधि की नजर शरीर मे लगे कैमरे में रिकॉर्ड होती है।

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