सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया हुए कहा कि अमान्य और शून्य विवाह से पैदा हुए बच्चों को भी माता-पिता की पैतृक संपत्ति में हक मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नई व्यवस्था देते हुए कहा कि ऐसे बच्चों को भी वैध कानूनी वारिसों के साथ हिस्सा मिले।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया हुए कहा कि अमान्य और शून्य विवाह से पैदा हुए बच्चों को भी माता-पिता की पैतृक संपत्ति में हक मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नई व्यवस्था देते हुए कहा कि ऐसे बच्चों को भी वैध कानूनी वारिसों के साथ हिस्सा मिले। इस तरह अब हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 16(3) (Section 16(3) of the Hindu Marriage Act) का दायरा बढ़ाया जाएगा।
11 साल बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक मामले का निपटारा किया और चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) , जस्टिस जे.बी. पारदीवाला (Justice J.B. Pardiwala) और जस्टिस मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra) की बेंच ने यह अहम फैसला सुनाया।