बीजेपी सांसद (BJP MP) बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) को मंगलवार को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उन्हें दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में अंतरिम जमानत (Interim Bail) दे दी है। उनकी सामान्य जमानत पर कोर्ट में बुधवार को सुनवाई होगी।
नई दिल्ली। बीजेपी सांसद (BJP MP) बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) को मंगलवार को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उन्हें दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में अंतरिम जमानत (Interim Bail) दे दी है। उनकी सामान्य जमानत पर कोर्ट में बुधवार को सुनवाई होगी।
बता दें कि 6 बालिग महिला पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) पर यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) के आरोप लगाए थे। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने पिछले दिनों राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने आज बृजभूषण सिंह को तलब किया था। बृजभूषण कोर्ट में पेश हुए थे। कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी। अब बुधवार को उनकी सामान्य जमानत पर सुनवाई होगी।
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कुछ महिला पहलवानों ने धरना देते हुए यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। पुलिस ने 7 पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों में दो केस दर्ज किए थे। पहला केस नाबालिग महिला पहलवान द्वारा की गई शिकायत के आधार पर किया था, जबकि दूसरा केस 6 बालिग महिला पहलवानों की शिकायत पर दर्ज किया था। पुलिस ने पिछले दिनों दोनों मामलों में चार्जशीट दाखिल की थी। नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों में दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण को क्लीन चिट दी थी।
बता दें कि नाबालिग महिला पहलवान अपने बयान से पलट गई थी, जबकि बालिग महिला पहलवानों की शिकायत पर दर्ज केस में पुलिस ने रॉउज एवन्यू कोर्ट में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धारा 354, 354-A एवं D के तहत चार्जशीट दाखिल की थी। इसी मामले में कोर्ट ने बृजभूषण को समन भेजकर पेश होने के लिए कहा था।
बृजभूषण को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?
दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में बृजभूषण को गिरफ्तार नहीं करने की वजह विस्तार से बताई है। बृज भूषण ने निर्देशों का पालन किया और जांच में शामिल हुए। पुलिस का कहना है कि बृज भूषण और विनोद तोमर को ‘बिना गिरफ्तारी’ के मुकदमे के लिए आरोपित किया गया है। दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा है कि 7 साल तक की सजा वाले अपराधों के मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।