पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के शंखनाद के बाद तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। दोनो पार्टियों के नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। किसी भी मौके पर दोनो पार्टियों के नेता ऐसा करने से चूक नहीं रहे हैं। वहीं, भाजपा के राज्यसभा के नामित सदस्य स्वपन दासगुप्ता को टिकट देनाा पार्टी के लिए सिरदर्द हो गया है
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के शंखनाद के बाद तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। दोनो पार्टियों के नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। किसी भी मौके पर दोनो पार्टियों के नेता ऐसा करने से चूक नहीं रहे हैं। वहीं, भाजपा के राज्यसभा के नामित सदस्य स्वपन दासगुप्ता को टिकट देनाा पार्टी के लिए सिरदर्द हो गया है।
उन्हें हुगली की तारकेश्वर विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है। हालांकि इस मुद्दे पर कांग्रेस ने भी सभापति से जवाब मांगा है। वहीं, इसको लेकर विपक्ष के नेता सवाल खड़े कर रहे हैं। बता दें कि, रविवार को भाजपा ने 26 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की थी, जिसमें स्वपन दासगुप्ता का भी नाम था।
इसके बाद टीएमसी स्वपन दासगुप्ता की राज्यसभा सदस्यता खत्म करने के लिए विशेष प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर विरोध जताया है। हालांकि स्वपन दासगुप्ता ने बयान जारी किया और कहा कि नामांकन से पहले सभी मामले हल हो जाएंगे।
महुआ मोइत्रा ने कहा था कि स्वपन दासगुप्ता पश्चिम बंगाल चुनावों के लिए बीजेपी के उम्मीदवार हैं, जबकि संविधान की 10वीं अनुसूची कहती है कि अगर कोई राज्यसभा का मनोनीत सांसद शपत लेने और उसके 6 महीने के अंदर किसी भी राजनीतिक पार्टी में शामिल होता है उसे राज्यसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य करार दे दिया जाएगा। दासगुप्ता को साल 2016 में शपथ दिलाई गई थी, जो अभी जारी है। अब उन्हें बीजेपी में शामिल होने के लिए अयोग्य करार देना चाहिए।