पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya pal Malik) ने बुधवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पर हमला बोला है। पिछले काफी समय से प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) और भाजपा पर हमलावर मलिक ने कहा कि सिखों और जाटों से डरकर पीएम मोदी (PM Modi) कृषि कानून (Agriculture Law) को वापस लेने का फैसला लेने पर मजबूर हुए थे।
लखनऊ। पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya pal Malik) ने बुधवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पर हमला बोला है। पिछले काफी समय से प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) और भाजपा (BJP) पर हमलावर मलिक ने कहा कि सिखों और जाटों से डरकर पीएम मोदी (PM Modi) कृषि कानून (Agriculture Law) को वापस लेने का फैसला लेने पर मजबूर हुए थे। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के समय मैं इस्तीफा लेकर पीएम मोदी (PM Modi) से मिलने गया था मगर पांच मिनट में ही उनके साथ मेरी बहस हो गई।
उस समय पीएम मोदी (PM Modi) घमंड में चूर थे और उन्हें लगता था कि किसान आंदोलन से वापस चले जाएंगे मगर आखिरकार किसानों के डटे रहने के कारण प्रधानमंत्री को कृषि कानून (Agriculture Law) वापस लेने पर मजबूर होना पड़ा।
पीएम मोदी से हो गई थी बहस
पूर्व राज्यपाल मलिक काफी दिनों से प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा पर हमला करने में जुटे हुए हैं। राजस्थान के सीकर में वीर तेजाजी महाराज की मूर्ति का शिलान्यास करने पहुंचे मलिक ने एक बार फिर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के समय मैंने पीएम मोदी (PM Modi) को समझाने की बहुत कोशिश की थी मगर उन्हें समझ में नहीं आया। किसान आंदोलन के चार महीने बीत जाने के बाद मेरी उनसे मुलाकात हुई थी। प्रधानमंत्री को भरोसा था कि किसान आंदोलन कुछ दिनों में समाप्त हो जाएगा और किसान अपने घरों को वापस लौट जाएंगे।
मैंने प्रधानमंत्री को समझाने की कोशिश की तो उनसे मेरी बहस हो गई। मैंने प्रधानमंत्री को समझाया कि यह जुझारु और लड़ाकू कौम है और इस कौम के गुरु ने अपने साहबजादों तक को बलिदान कर दिया था। ऐसे लोगों से लड़ाई लड़ना उचित नहीं है बल्कि बातचीत के जरिए समस्या का समाधान निकाला जाना चाहिए।
सिखों के डर से जाना शुरू किया गुरुद्वारा
मलिक ने कहा कि मेरे समझाने के बावजूद यह बात प्रधानमंत्री को समझ में नहीं आई। बाद में किसानों के आंदोलन में डटे रहने के कारण सिखों और जाटों से डर कर प्रधानमंत्री कृषि कानून (Agriculture Law) वापस लेने का फैसला लेने पर मजबूर हुए। मलिक ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सिखों के डर से गुरुद्वारों में जाना शुरू कर दिया। किसी को यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि यह श्रद्धा का मामला है। उन्होंने पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला रोक जाने की घटना की याद भी दिलाई। मलिक ने कहा कि काफिला रोक जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी घबरा गए थे और बाद में उन्होंने बयान दिया कि किसी तरह मेरी जान बची।
राजस्थान में बीजेपी हो जाएगी साफ
मलिक ने आरोप लगाया के कृषि कानून (Agriculture Law) वापस लेने के बावजूद सरकार ने किसानों को फसलों की उचित कीमत दिलाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। आज भी सरकार किसानों को फसलों की उचित कीमत देने के लिए तैयार नहीं है। किसानों की जमीन हड़पने की कोशिश की जा रही है और सरकार इसे रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रही है। देश में आज भी भीतर ही भीतर जोरदार लड़ाई चल रही है मगर यह सबको दिख नहीं रही है।
राजस्थान में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए मलिक ने कहा कि मुझे राज्य में भाजपा कहीं नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा चाहे जितनी भी कोशिश कर ले मगर राज्य में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में भाजपा की हार तय है। राज्य के मौजूदा माहौल से बिल्कुल साफ हो गया है कि यहां के मतदाताओं का समर्थन भाजपा को कभी हासिल नहीं होगा।