HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. Breaking News : लोकसभा चुनाव से पहले सपा को बड़ा झटका, राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व सांसद रवि वर्मा ने दिया इस्तीफा, थाम सकते हैं कांग्रेस का हाथ

Breaking News : लोकसभा चुनाव से पहले सपा को बड़ा झटका, राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व सांसद रवि वर्मा ने दिया इस्तीफा, थाम सकते हैं कांग्रेस का हाथ

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024 ) से पहले समाजवादी पार्टी (SP) को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के कद्दावर नेता रवि प्रकाश वर्मा (Ravi Prakash Verma) ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफा देने का कारण लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में सपा की आंतरिक गतिविधियों को जिम्मेदार ठहराया है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024 ) से पहले समाजवादी पार्टी (SP) को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के कद्दावर नेता रवि प्रकाश वर्मा (Ravi Prakash Verma) ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफा देने का कारण लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में सपा की आंतरिक गतिविधियों को जिम्मेदार ठहराया है। चर्चा है कि रवि वर्मा अब कांग्रेस (Congress) में शामिल हो सकते हैं। उधर, कांग्रेस प्रदेश कमेटी (Congress State Committee) ने उनको पार्टी में शामिल कराने की तैयारियां पूरी कर ली हैं।

पढ़ें :- जब BJP ने महाराष्ट्र में आपकी सरकार चुरा ली, तब उन्होंने संविधान को कमजोर किया : राहुल गांंधी

जानें कौन हैं रवि प्रकाश वर्मा?

लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri)  के गोला निवासी रवि प्रकाश वर्मा(Ravi Prakash Verma)  खीरी संसदीय सीट (Kheri Parliamentary Seat) से दो बार सांसद और एक बार राज्यसभा सांसद रह चुके हैं। वह इसी साल जनवरी महीने में सपा (SP)  के तीसरी बार राष्ट्रीय महासचिव बने थे। लेकिन, कुछ ही महीनों बाद उनकी सपा से अनबन सामने आ गई थी, तभी से इस बात के कयास लगाए जाने लगे थे कि रवि वर्मा लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024 ) से पहले सपा का साथ छोड़ सकते हैं।

रवि प्रकाश वर्मा (Ravi Prakash Verma)  के पिता बाल गोविंद वर्मा वर्ष 1962 से 1971 और फिर 1980 में सांसद चुने गए थे। कुछ दिन बाद उनका निधन हो गया तो उपचुनाव हुआ, जिसमें रवि प्रकाश की माता उषा वर्मा सांसद चुनी गईं। इसके बाद वह वर्ष 1984 से 1989 तक सांसद रहीं। रवि प्रकाश वर्ष 1998 से 2004 तक सपा से सांसद रहे। इसके बाद 2014 से 2020 तक राज्यसभा सदस्य रहे।

पढ़ें :- कांग्रेस, पिछड़ा वर्ग विरोधी पार्टी, जेएमएम और राहुल गांंधी ने देश को जातियों में बांटने का ​किया काम : अमित शाह

जानकारी के मुताबिक सपा (SP)  के स्थानीय और नए नेताओं को पार्टी में ज्यादा तरजीह दिए जाने से रवि वर्मा नाराज थे। इसी के चलते जून महीने में जब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (SP national president Akhilesh Yadav) दो दिन के दौरे पर कार्यकर्ता सम्मेलन में खीरी आए थे तो उनके मंच से कद्दावर नेता रवि प्रकाश वर्मा गायब थे।

जिले में ओबीसी आबादी सबसे ज्यादा

रवि वर्मा कुर्मी समाज के कद्दावर नेता हैं। जिले की करीब 50 लाख की आबादी वाले खीरी जनपद में ओबीसी (OBC) आबादी सबसे ज्यादा करीब 35 प्रतिशत है। इनमें कुर्मी बाहुल्य आबादी पहले नंबर पर है। इसी गणित को साधते हुए समाजवादी पार्टी (SP)  ने रवि प्रकाश वर्मा (Ravi Prakash Verma)  को तीसरी बार जनवरी महीने में राष्ट्रीय महासचिव बनाया था। आगामी लोकसभा चुनाव में टिकट न मिलने की बनती स्थिति को लेकर वह पार्टी से नाराज रहे। बता दें कि पूर्व में उनकी बेटी पूर्वी वर्मा भी सपा (SP) के टिकट पर लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) लड़ चुकी हैं, लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा था।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...