हिमालयी राज्यों में प्रकृति का श्रंगार करने के लिए हर माह में खूबसूरत फूल खिलते है। "बुरांश" के फूल मार्च और अप्रैल के महीनों में पहाड़ों की खूबसूरती को चार चांद लगाते है।
Buransh flowers : हिमालयी राज्यों में प्रकृति का श्रंगार करने के लिए हर माह में खूबसूरत फूल खिलते है। “बुरांश” के फूल मार्च और अप्रैल के महीनों में पहाड़ों की खूबसूरती को चार चांद लगाते है। दिसबंर के माह में “बुरांश” के फूल खिलना अचंभा जैसा है। ऐसी ही चौंकाने वाली घटना इन दिनों उत्तराखंड के सीमांत जिले उत्तरकाशी में हो रही है। यहां दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में ही बुरांश खिल उठे हैं। ये घटना अनोखी इसलिए है, क्योंकि बुरांश के फूल आमतौर पर 15 मार्च से 30 अप्रैल के बीच खिलते हैं। फूल खिलने से स्थानीय निवासी भी हैरत में हैं। उत्तरकाशी वन प्रभाग की मुखेम रेंज के जंगल में बुरांश खिले दिखाई दे रहे हैं।
वनस्पति विज्ञानी इस बदलाव के प्रमुख कारण को जलवायु परिवर्तन से जोड़ कर देख रहे है। अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर बुरांश उत्तराखंड का राज्य वृक्ष है। उत्तराखंड में बुरांश की रोडोडेंड्रोन बारबेट, रोडोड्रेडोन केम्पानुलेटम, रोडोडेंड्रोन अरबोरियम और रोडोडेंड्रोन लेपिडोटम प्रजाति पाई जाती है।
उत्तराखंड में समुद्रतल से 1650 मीटर से लेकर 3400 मीटर की ऊंचाई तक के क्षेत्र में बुरांश के जंगल हैं। आमतौर पर बुरांश के फूल मार्च से अप्रैल के बीच खिलते हैं, पर इस बार समय से तीन महीने पहले ही बुरांश के फूल जंगलों में दिखाई देने लगे हैं।
उत्तराखंड में पारंपरिक उपयोग के तौर पर बुरांश के फूल की पंखुड़ियों का उपयोग खाने में किया जाता है। इसका स्वाद खट्टा-मीठा होता है। लगभग सभी धार्मिक कार्यों में देवताओं को बुरांश के फूल चढ़ाए जाते हैं।