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क्या इंडिया गठबंधन में शामिल हो सकती हैं मायावती? कहा-भविष्य में कब किसको किसकी जरूरत पड़ जाए कुछ नहीं कहा जा सकता

विपक्ष के गठबन्धन में बी.एस.पी. सहित अन्य जो भी विपक्षी पार्टियां शामिल नहीं हैं उनके बारे में किसी को भी बेफिजूल कोई भी टीका-टिप्पणी करना उचित नहीं है। इससे इनको बचना चाहिये, मेरी इनको यही सलाह है, क्योंकि भविष्य में देश व जनहित में कब किसको, किसी की भी जरूरत पड़ जाये, यह कुछ भी कहा नहीं जा सकता है।

By शिव मौर्या 
Updated Date

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने गुरुवार मीडिया को संबोधित करते हुए संसद से निलंबित सांसदों के मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, हमारी पार्टी का यह मानना है कि संसद के वर्तमान सत्र के दौरान दोनों सदनों के रिकार्ड संख्या में लगभग 150 विपक्षी सांसदों का निलम्बन होना सरकार व विपक्ष के लिए भी कोई गुडवर्क व अच्छा कीर्तिमान नहीं है। इसके लिए कसूरवार कोई भी हो, किन्तु संसदीय इतिहास के लिए यह घटना अति- दुःखद, दुर्भाग्यपूर्ण व लोगों के विश्वास को आघात पहुंचाने वाला है।

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इसके साथ ही कहा, राज्यसभा सभापति का संसद परिसर में निलम्बित सांसदों द्वारा मज़ाक (मिमिक्री) उड़ाने का वीडियो वायरल होना भी अनुचित व अशोभनीय है। इस प्रकार से सरकार और विपक्ष के बीच जबरदस्त मतभेद, तनाव व टकराव वाली घटनाओं से देश के लोकतंत्र एवं संसदीय परम्पराओं को शर्मसार होने से बचाना बहुत जरूरी है। साथ ही, विपक्ष-विहीन संसद में देश व आमजन के हित से जुड़े अति-महत्वपूर्ण विधेयकों का पारित होना भी यह अच्छी परम्परा नहीं है।

बसपा सुप्रीमो ने कहा, हाल ही में संसद की सुरक्षा में जो सेंध लगाई गई है, यह भी कोई ठीक नहीं है बल्कि यह अति गम्भीर व चिन्तनीय मामला भी है। इस मामले में सभी को मिलकर संसद की सुरक्षा की तरफ विशेष ध्यान देना चाहिये। एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप से काम नहीं चलेगा। बल्कि सभी को इसे गम्भीरता से लेना चाहिये तथा इसके लिये जो भी दोषी व षड्यन्त्रकारी है उसके विरूद्ध सख्त कानूनी कार्यवाही भी होना अत्यन्त जरूरी है। ऐसे में इसके खुफिया विभाग को भी अब काफी सर्तक, सचेत रहने की जरूरत है ताकि आगे कभी भी ऐसी घटना की पुनरावृति ना हो सके।

इसके इलावा, विपक्ष के गठबन्धन में बी.एस.पी. सहित अन्य जो भी विपक्षी पार्टियां शामिल नहीं हैं उनके बारे में किसी को भी बेफिजूल कोई भी टीका-टिप्पणी करना उचित नहीं है। इससे इनको बचना चाहिये, मेरी इनको यही सलाह है, क्योंकि भविष्य में देश व जनहित में कब किसको, किसी की भी जरूरत पड़ जाये, यह कुछ भी कहा नहीं जा सकता है। फिर ऐसे लोगों को व पार्टियों को भी काफी शर्मिन्दगी उठानी पड़े, यह ठीक नहीं है और इस मामले में खासकर समाजवादी पार्टी इस बात का जीता-जागता उदाहरण भी है।

 

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