लोक आस्था का महापर्व छठ में व्रती छठी मैया को प्रसन्न करने के लिए बहंगी लचकत जाए' गीत गाते है। छठ पूजा में पौराणिक गीतों की महिमा अपार है।
Chhath Puja 2023 : लोक आस्था का महापर्व छठ में व्रती छठी मैया को प्रसन्न करने के लिए बहंगी लचकत जाए’ गीत गाते है। छठ पूजा में पौराणिक गीतों की महिमा अपार है। व्रती छठी मैया से अपना अर्ज करते है और परिवार के सुख समृद्धि का वरदान मांगते है। छठ के परंपरागत गीतों में छठी मैया की महिमा का वर्णन मिलता है। व्रती सामूहिक रूप से इन गीतों को गाते है और अदृभुद गौरवमयी लोकपरंपरा को निभाते है।
1. पहिले पहिल हम कईनी,छठी मईया व्रत तोहार।
करिsह क्षमा छठी मईया,भूल-चूक गलती हमार।
सबsके बलकवा के दिहा,छठी मईया ममता-दुलार।
पिया के सनेहिया बनइहा,मईया दिह सुख-सार।
नारियल-केरवा घउदवा,साजल नदिया किनार।
सुनि ह अरज छठी मईया,बढ़े कुल-परिवार।
घाट सजवनी मनोहर,मईया तोरा भगती अपार।
लिहीं अरग हे मईया,दिहीं आशीष हजार।
2.कांच ही बास के बहंगिया,बहंगी लचकत जाए
बहंगी लचकत जाए।
पेन्ही न पिया जी पियरिया,दउरा घाटे पहुचाये,
दउरा घाटे पहुचाये।
कांच ही बास के बहंगिया,बहंगी लचकत जाए ,
बहंगी लचकत जाए।
पेन्ही न पिया जी पियरिया,दउरा घाटे पहुचाये,
दउरा घाटे पहुचाये।
दउरा में सजल बाटे फल फलहरिया,
पियरे पियर रंग शोभे ला डगरिया। (2)
जेकर जाग जाला भगिया,उह्हे छठ घाटे आये,
पेन्ही न पिया जी पियरिया,दउरा घाटे पहुचाये।