सनातन धर्म छठी माता की उपासना का बहुत महत्व है। वर्ष में एक बार पड़ने वाले छठ पर्व की तैयारियां लोग महीनों पहले से करने लगते है।
Chhath Puja Samagri : सनातन धर्म छठी माता की उपासना का बहुत महत्व है। वर्ष में एक बार पड़ने वाले छठ पर्व की तैयारियां लोग महीनों पहले से करने लगते है। इस बार भगवान सूर्य की उपासना के लिए समर्पित छठ पूजा का त्योहार 17 नवंबर से शुरू हो रहा है। इस साल छठ पूजा 19 नवंबर को होगी। इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चार दिन तक चलने वाले छठ पर्व में सूर्य देव और छठी माता की उपासना करने से परिवार में खुशहाली आती है और संतान के उज्जवल भविष्य की प्रार्थना पूर्ण होती है। छठ पूजा का व्रत काफी कठिन होता है क्योंकि इसमें 18 घंटे या उससे अधिक समय तक निर्जला व्रत रखना होता है। निर्जला व्रत का अर्थ है कि व्रत रखने वाले को अन्न और जल ग्रहण नहीं करना है।
छठ पूजा की सामग्री लिस्ट
पूजन सामग्री में हल्दी, मूली और अदरक, नारियल, शरीफा, केला, नाशपाती और नींबू, दीया, चावल, धूपबत्ती और सिंदूर, पान और सुपारी भी रखना चाहिए। सूप, बांस का डाला, बांस की टोकरी, नए गेहूं और चावल (ठेकुआ तथा प्रसाद के लिए), जल, दूध, लोटा, ग्लास, थाली, गुड़, चीनी, मिठाई, शहद, काले छोटे चने, सूजी, मैदा, धूपबत्ती, कुमकुम, कपूर, पीला सिंदूर, चंदन, अक्षत्, डाभ या बड़ा नींबू, केला, नाशपाती, शरीफा, मूली, सुथनी, शकरकंदी।.
मिट्टी के दीपक, चौमुखा दीप, रूई, बत्ती, सरसों का तेल, हल्दी, मूली और अदरक का पौधा, सीधे और लंबे 5 या 7 गन्ने,बद्धी माला, केले का घौद, पान का पत्ता, केराव।
व्रत रखने वाली महिलाओं को नई साड़ी पहनना चाहिए। वहीं पुरुषों को अपने लिए नया कुर्ता-पजामा या धोती खरीद लेना चाहिए।