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हरियाणा के राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा के निर्वाचन को चुनौती, अजय माकन की याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सुनवाई 20 दिसंबर को

हरियाणा के राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा (Haryana Rajya Sabha member Kartikeya Sharma) के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab-Haryana High Court) ने सुनवाई 20 दिसंबर तय की है। कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के वरिष्ठ नेता अजय माकन (Ajay Maken) ने यह याचिका दाखिल की है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। हरियाणा के राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा (Haryana Rajya Sabha member Kartikeya Sharma) के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab-Haryana High Court) ने सुनवाई 20 दिसंबर तय की है। कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के वरिष्ठ नेता अजय माकन (Ajay Maken) ने यह याचिका दाखिल की है।

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याचिका में कहा गया कि राज्यसभा के लिए कार्तिकेय शर्मा का चुनाव 10 जून 2022 को हुआ था। कार्तिकेय से अधिक वैध वोट हासिल होने पर अजय माकन (Ajay Maken)  को निर्वाचित घोषित करने के निर्देश देने की मांग की गई है। हरियाणा से राज्यसभा की दो सीटों के लिए चुनाव हुए थे। इसमें माकन ने कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के टिकट पर चुनाव लड़ा था।

हाईकोर्ट को बताया गया कि मतपत्रों की वैधता जांच के दौरान यह देखा गया कि कुल 89 मतों में से एक मतदाता ने अपनी पसंद के रूप में मतपत्र पर अंक एक के बजाय नाम पर चिह्न लगाया था। रिटर्निंग आफिसर ने नियम के तहत उस मतपत्र को अमान्य बता कर खारिज कर दिया।

याचिका के अनुसार याचिकाकर्ता के चुनाव एजेंट बीबी बत्रा, जो हरियाणा विधानसभा (Haryana Assembly) के मौजूदा विधायक हैं, उनके द्वारा लिखित में आपत्ति दर्ज कराई गई थी, जिसमें विशेष रूप से बताया गया था कि यह वोट निर्धारित नियमों के खिलाफ था। एजेंट ने अपनी आपत्ति में विशेष रूप से यह भी बताया कि नियमों के तहत निर्धारित उचित कॉलम में वोट को चिह्नित नहीं किया गया है। ऐसे में यह वोट अमान्य है। हालांकि, रिटर्निंग ऑफिसर ने बिना कोई वैध कारण बताए उपरोक्त आपत्ति को खारिज कर दिया था।

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कोर्ट को बताया गया कि रिटर्निंग ऑफिसर ने नियमों के अनुसार उसकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की। अगर उस आपत्ति को स्वीकार कर लिया जाता तो वह राज्यसभा के लिए चुने जाते। कोर्ट से मांग की गई है कि इस याचिका के विचाराधीन रहने तक चुनाव का रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जाए।

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