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यूपी में कोरोना का कहर जारी, 24 घंटे में 18021 नए मरीज, लखनऊ का आंकड़ा 5 हजार पार

यूपी में कोरोना संक्रमण का कहर बढ़ता ही जा रहा है। बीते 24 घंटे में 18,021 नए मामले सामने आए हैं जो कि अब तक का एक रिकॉर्ड है। सोमवार को 13685 संक्रमित मिले थे।

By शिव मौर्या 
Updated Date

लखनऊ। यूपी में कोरोना संक्रमण का कहर दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। बीते 24 घंटे में 18,021 नए मामले सामने आए हैं, जो कि अब तक का एक रिकॉर्ड है। सोमवार को 13685 संक्रमित मिले थे।

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कोरोना के लखनऊ में अकेले 5382 संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा, प्रयागराज में 1856, वाराणसी में 1404 व कानपुर में 1271 नए मामले सामने आए हैं। बता दें कि इसके पहले सोमवार को नए मरीजों की संख्या में कुछ कमी तो आई, लेकिन संक्रमण से रिकॉर्ड 72 लोगों की मौत हो गई। कोरोना की दूसरी लहर में यह एक दिन में अधिकतम मौत है।

प्रदेश में सोमवार को 13,685 संक्रमित मिले। एक दिन पहले रविवार को 15,353 मरीज मिले थे। वहीं, लखनऊ में 3892 संक्रमित मिले। रविवार को 4444 संक्रमित मिले थे। इसके अलावा वाराणसी में 1417, प्रयागराज में 1295, कानपुर नगर में 716, गोरखपुर में 474, मेरठ में 336, झांसी में 267, गौतमबुद्ध नगर में 239, बलिया में 230 मरीज मिले। रविवार को 1.93 लाख नमूनों की जांच की गई, जबकि शनिवार को 2,03,780 नमूनों की जांच हुई थी।

लखनऊ में मामले तो बढ़े पर मृत्युदर है कम

राजधानी लखनऊ में भले ही संक्रमण दर बढ़ गई हो, लेकिन पिछले साल सितंबर की अपेक्षा अब भी राजधानी में मृत्यु दर कम है। इतना ही नहीं पूरे प्रदेश की अपेक्षा लखनऊ में होने वाली मौत का ग्राफ 0.06 फीसदी अधिक है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि राजधानी में होने वाली मौतों में आसपास के जिलों के मरीज भी शामिल हैं। ऐसे में मौत के आंकड़ों से घबराने के बजाय संक्रमण दर कम करने पर जोर देना होगा।

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राजधानी में अब तक 1353 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। पूरे प्रदेश में यह आंकड़ा 9224 है। कोरोना की पहली लहर के दौरान सबसे ज्यादा 17 लोगों की मौत छह सितंबर को हुई थी। कुल मिले मरीजों की अपेक्षा इस दिन मृत्यु दर 1.70 फीसदी थी। इसी तरह राजधानी में सर्वाधिक 1244 मरीज 18 सितंबर को मिले थे और इस दिन 16 की मौत हुई थी।

यह 1.28 फीसदी है। वहीं, सात से 12 अप्रैल के बीच मिले कुल मरीजों की अपेक्षा मौत का ग्राफ 0.52 प्रतिशत है, जबकि प्रदेश का ग्राफ 0.46 फीसदी है। इस तरह देखा जाए तो पूरे प्रदेश में होने वाली कुल मौत की अपेक्षा राजधानी में 0.06 फीसदी मरीजों की अधिक मौत हुई है।

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