वैश्विक महामरी कोरोना से जंग जीतने के लिए पूरी दुनिया में जहां युद्ध स्तर पर शोध जारी है। तो वहीं बहुरुपिया वायरस भी अपना रूप बदलकर खतरनाक होता जा रहा है। ऐसे में अब कोविड-19 की वैक्सीन को कोरोना के कई वैरिएंट पर परखा जा रहा है।
नई दिल्ली। वैश्विक महामरी कोरोना से जंग जीतने के लिए पूरी दुनिया में जहां युद्ध स्तर पर शोध जारी है। तो वहीं बहुरुपिया वायरस भी अपना रूप बदलकर खतरनाक होता जा रहा है। ऐसे में अब कोविड-19 की वैक्सीन को कोरोना के कई वैरिएंट पर परखा जा रहा है। इस बीच, भारत बायोटेक ने रविवार को कहा कि उनकी कोविड वैक्सीन भारत और ब्रिटेन समेत सभी कोरोना वैरिएंट पर असरदार है।
कंपनी का कहना है कि कोवैक्सिन बी.1.617 और बी.1.1.7 पर भी असरदार है जो भारत और यूनाइटेड किंगडम में पाए गए थे। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, भारत बायोटेक की तरफ से बताया गया है कि वैक्सीन के इस्तेमाल पर बी.1.1.7 (यूके स्ट्रेन) और वैक्सीन स्ट्रेन (D614G) के न्यूट्रिलाइजेशन में कोई बदलाव नहीं देखा गया है।
Bharat Biotech says its COVID-19 vaccine 'Covaxin' has been found to be effective against coronavirus strains found in India and the UK
— Press Trust of India (@PTI_News) May 16, 2021
आईसीएमआर के वैज्ञानिकों का शोध
इससे पहले, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के वैज्ञानिकों ने अपने शोध की अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट्स में जानकारी दी है कि भारतीय वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सिन कोरोना वायरस के बी.1.617 वैरिएंट के खिलाफ कुछ ही एंटीबॉडी तैयार कर पा रही हैं, लेकिन ये वैक्सीन कोरोना के अन्य वैरिएंट पर प्रभावी हैं।
कोरोना वायरस का बी.1.617 वैरिएंट पहली बार महाराष्ट्र में पाया गया था। आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के वैज्ञानिक कोरोना पॉजिटिव मरीजों के सैंपल एकत्र कर रहे थे। इसके बाद उन्होंने इन सैंपल को जनवरी से लेकर अब तक कोरोना वायरस के विभिन्न वैरिएंट बी.1.1.7 (ब्रिटेन), बी.1.351 (दक्षिण अफ्रीका), पी 2 वैरिएंट (ब्राजील) और बी.1.617 वैरिएंट पर जांचा। इस समय भारत में बी.1.617 वैरिएंट बड़ी संख्या में बढ़ता दिख रहा है।