ब्राजील सरकार ने बीते शुक्रवार को भारत बायोटेक के साथ किए अपने करार को खत्म कर दिया है। हैदराबाद स्थित भारतीय कंपनी भारत बायोटेक (Indian company Bharat Biotech) ने ब्राजील स्वास्थ्य नियामक ने कोवाक्सिन (Covaxin) की दो करोड़ खुराक आपूर्ति का समझौता किया था, लेकिन क्लिनिकल ट्रायल (clinical trial) में कोवाक्सिन का सफल परीक्षण नहीं हो पाया है। इसके बाद ब्राजील ने करार रद्द करने का फैसला किया है।
नई दिल्ली। ब्राजील सरकार ने बीते शुक्रवार को भारत बायोटेक के साथ किए अपने करार को खत्म कर दिया है। हैदराबाद स्थित भारतीय कंपनी भारत बायोटेक (Indian company Bharat Biotech) ने ब्राजील स्वास्थ्य नियामक ने कोवाक्सिन (Covaxin) की दो करोड़ खुराक आपूर्ति का समझौता किया था, लेकिन क्लिनिकल ट्रायल (clinical trial) में कोवाक्सिन का सफल परीक्षण नहीं हो पाया है। इसके बाद ब्राजील ने करार रद्द करने का फैसला किया है।
ब्राजील स्वास्थ्य नियामक (Brazil Health regulator) ने कहा कि भारत बायोटेक के कोवाक्सिन का क्लिनिकल ट्रायल (Covaxin’s clinical trial fails) में सफल नहीं होने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। नियामक ने कहा कि ब्राजील की दवा निर्माता कंपनी प्रेसीसा मेडिकामेंटॉस और एनविक्सिया फार्मेस्यूटिकल्स लिमिटेड की भारत बायोटेक के साथ डील हुई थी, जो नियामक सबमिशन,लाइसेंस, वितरण, बीमा और तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षणों के संचालन का करार हुआ था, लेकिन कई मुद्दों पर सहमति नहीं बनने और क्लिनिकल ट्रायल में फिसड्डी होने के बाद समझौते को रद्द करने का फैसला किया गया।
भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने कहा कि कंपनी को ब्राजील से कोई अग्रिम भुगतान नहीं मिला
पीटीआई ने बताया कि डील रद्द होने के बाद भारत बायोटेक(Bharat Biotech) ने कहा कि कंपनी को ब्राजील से कोई अग्रिम भुगतान नहीं मिला है। नहीं उसने ब्राजील में स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health in Brazil) को कोई टीके की आपूर्ति की है। हैदराबाद की दवा निर्माता ने कहा कि कंपनी ने करार ग्लोबल डील और कानूनों के तहत किया है। ब्राजील में भी उन्हीं नियमों का पालन किया, जिनका उसने दुनिया के अन्य देशों में कोवाक्सिन की सफल आपूर्ति के लिए किया है।