देश के कई तटीय क्षेत्रों में 'बिपरजॉय' चक्रवात (Cyclone Biporjoy) का खतरा बढ़ता जा रहा है। जिसको देखते हुए भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतवानी जारी कर कहा है कि...
नई दिल्ली। देश के कई तटीय क्षेत्रों में ‘बिपरजॉय’ चक्रवात (Cyclone Biporjoy) का खतरा बढ़ता जा रहा है। जिसको देखते हुए भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतवानी जारी कर कहा है कि गुरुवार को चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ विकराल रूप ले सकता है। जिसका प्रभाव केरल, कर्नाटक, लक्षद्वीप-मालदीव, कोंकण, गोवा, गुजरात के पोरबंदर और महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में देखने को मिलेगा।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक 8 और 9 जून के बीच चक्रवाती तूफान बिपरजॉय (Cyclone Biporjoy) के विकराल रूप धारण करने की संभावना है। जिसका असर केरल-कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों और लक्षद्वीप-मालदीव के क्षेत्रों पर सीधा पड़ने वाला है। इसके अलावा कोंकण, गोवा व महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में 8 से 10 जून तक ऊंची समुद्री लहरें उठने की आशंका है। चक्रवाती हवाओं के कारण केरल के तटीय क्षेत्रों में मानसून का आगमन प्रभावित हो सकता है। दरअसल, दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण चक्रवाती हवाएं केरल में मानसून को गंभीर रूप से प्रभावित करेंगी।
केरल में मानसून का आगमन
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुरुवार को प्रचंड रूप धारण करेगा। जिसके बाद अगले तीन दिनों के दौरान यह उत्तर की ओर बढ़ जाएगा। इस दौरान चक्रवाती हवाओं के कारण केरल में मानसून का आगमन प्रभावित हो सकता है। हालांकि केरल में दो दिन के भीतर मानसून शुरू होने के लिए अनुकूल परिस्थितियां नजर आ रही हैं और 8 या 9 जून तक मानसून के पहुंचने की प्रबल संभावना है, इस दौरान हल्की बारिश हो सकती है।