फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में बने रहने के बावजूद पड़ोसी देश पाकिस्तान अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बीच अपने क्षेत्र में रहने वाले संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकी समूहों के बारे में कम चिंतित है।
इस्लामाबाद। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में बने रहने के बावजूद पड़ोसी देश पाकिस्तान अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बीच अपने क्षेत्र में रहने वाले संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकी समूहों के बारे में कम चिंतित है।
जिन आतंकवादी समूहों के नेताओं और कमांडरों के खिलाफ पाकिस्तान कार्रवाई करने वाला है उनमें अफगान तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेएम), जमात-उद-दावा (जेयूडी), फलाह शामिल हैं। -ए-इंसानियत फाउंडेशन और अल कायदा और इस्लामिक स्टेट।
पाकिस्तान कई आतंकवादी समूहों को पनाह देता रहा है जिन पर FATF मुकदमा चलाना और दंडित करना चाहता है। एक बार जब संयुक्त राज्य अमेरिका पूरी तरह से उस देश से खुद को वापस ले लेता है, तो वे युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में शांति की वापसी में बाधा डालने वाले प्रमुख तत्व भी हैं।