चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व 13 अप्रैल दिन मंगलवार से शुरु हो चुका है। आज नवरात्रि का दूसरा दिन है। आज के दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की विधि विधान से पूजा की जाती है। नवरात्रि के समय में दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है।
नई दिल्ली: चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व 13 अप्रैल दिन मंगलवार से शुरु हो चुका है। आज नवरात्रि का दूसरा दिन है। आज के दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की विधि विधान से पूजा की जाती है। नवरात्रि के समय में दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है। दुर्गा सप्तशती में हर उद्देश्य की पूर्ति के लिए विशेष और प्रभावी मंत्र दिए गए हैं। नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के इन प्रभावी मंत्रों का जाप करके आप अपनी मनोकामना की पूर्ति कर सकते हैं।
जागरण अध्यात्म में आज हम आपको दुर्गा सप्तशती के प्रभावी मंत्रों के बारे में बता रहे हैं, इसमें कल्याण के लिए मंत्र, आरोग्य एवं सौभाग्य की प्राप्ति के लिए मंत्र, रक्षा के लिए मंत्र, रोग नाश के लिए मंत्र, विपत्ति नाश और शुभता के लिए मंत्र और शक्ति प्राप्ति के लिए मंत्र दिया गया है।
मंत्र सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तु ते।।
मंत्र देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।
शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके।
घण्टस्वनेन न: पाहि चापज्यानि:स्वनेन च।।
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।
करोतु सा न: शुभहेतुरीश्वरी शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापद:।
सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्तिभूते सनातनि।
गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोस्तु ते।।