प्रकृति को निहारना एक सुखद प्रक्रिया है। जंगल ,घाटियां , हिम,झरने, पशु पक्षी और मनमोहक वनस्पतियां मानव को अपनी ओर खींचती है। कुदरत के करिश्मे को निहारने के लिए आधुनिक युग में मानव पर्यटक बन कर सुख पा रहा है।
Dudhsagar Waterfalls : प्रकृति को निहारना एक सुखद प्रक्रिया है। जंगल ,घाटियां , हिम,झरने, पशु पक्षी और मनमोहक वनस्पतियां मानव को अपनी ओर खींचती है। कुदरत के करिश्मे को निहारने के लिए आधुनिक युग में मानव पर्यटक बन कर सुख पा रहा है। भारत देश में प्राकृतिक सौन्दर्य भरपूर है। कई मशहूर झरने हैं, जिन्हें देखने के बाद आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहता है। ये झरने पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते है। दूधसागर वॉटरफॉल में 320 मीटर की ऊंचाई से पानी गिरता है।
यह झरना गोवा और कर्नाटक की सीमा पर है। दूधसागर झरना पणजी से 60 किलोमीटर की दूरी पर है। दूर से देखने पर यह झरना ऐसा लगता है कि जैसे पानी की जगह दूध ऊपर से नीचे गिर रहा हो, इसलिए इसका नाम दूधसागर पड़ा है। मांडोवी नदी पर बना यह झरना जब ऊंचाई से गिरता है तो सैलानियों को मंत्रमुग्ध कर देता है। इस झरने का आकर्षण ऐसा है कि एक बार करीब से देखने पर इसे बार-बार देखने की इच्छा होती है।इस झरने के आसपास का पूरा क्षेत्र संरक्षित है।
हरा भरा यह एरिया बेहद सुंदर और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। इस झरने तक पहुंचने के लिए सैलानी जीप सफारी ले सकते हैं। यहां तक पहुंचने के दौरान पर्यटक जिन रास्तों से होकर गुजरते हैं, वहां की खूबसूरती उनका दिल खुश कर देती है।