कांग्रेस नेता और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ( NSUI ) के प्रभारी कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU ) के चुनाव से एक दिन पहले गुरुवार को आरोप लगाया कि स्थानीय शासन और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) को फायदा पहुंचाने की कोशिश हो रही है।
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ( NSUI ) के प्रभारी कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU ) के चुनाव से एक दिन पहले गुरुवार को आरोप लगाया कि स्थानीय शासन और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) को फायदा पहुंचाने की कोशिश हो रही है।
दिल्ली विश्वविद्यालय का एक-एक छात्र जानता है कि ABVP की पिछले 4 सालों की अराजकता पर केवल NSUI ही पूर्णविराम लगा सकती है। चुनाव के नाम पर ABVP की गुंडागर्दी जारी है। वे गर्ल्स हॉस्टल के फेस्ट में जबरदस्ती घुस रहे हैं, गेट तोड़े जा रहे हैं। ये खुद गुंडागर्दी कर रहे हैं, लेकिन मीडिया को भ्रमित करते हैं कि ये सब NSUI कर रही है।
( NSUI ) का एक भी वर्कर लेकर आइए, जिसने हिंसा और गड़बड़ी की हो, हम उस पर कार्रवाई करेंगे। हम छात्रों के अभिभावकों के मन में भय का माहौल नहीं बनाना चाहते हैं, लेकिन इन्होंने हमारी इंसानियत को हमारी कमजोरी समझ लिया है। हम ABVP के लोगों से कहना चाहते हैं- हम कमजोर नहीं है, हम डरने वाले नहीं हैं। आपकी गुंडागर्दी का जवाब दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) का हर छात्र 22 तारीख को देने वाला है। गुंडागर्दी को गहरी चोट, ( NSUI ) को पैनल वोट।
उन्होंने यह दावा भी किया कि हार के डर से एबीवीपी (ABVP) इस चुनाव में हिंसा का सहारा ले रही है। डूसू (DUSU ) का चुनाव चार साल बाद इस बार 22 सितंबर को होगा। पिछली बार 2019 में डूसू (DUSU ) चुनाव हुआ था। कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) ने कहा कि शासन-प्रशासन द्वारा एक खास संगठन और एक खास तरह की विचारधारा के लोगों को संरक्षण दिया जा रहा है। इससे हिंसा की प्रवृत्ति वालों को बल मिल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि एबीवीपी (ABVP) लिखती है- ज्ञान, शील, एकता। दरअसल ये है- अज्ञान, अश्लील, अराजकता। पिछले एक महीने में एबीवीपी (ABVP) ने जो गुंडागर्दी और हिंसा की है, यह बहुत ही शर्मनाक है।
कुमार ने कहा कि सरकार और प्रशासन में बैठे लोगों को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। उनका यह भी कहना था कि इस चुनाव में डीयू (DU) के छात्र माकूल जवाब देंगे। कुमार ने यह आरोप भी लगाया कि चुनाव लड़ने के लिए आयु सीमा में छूट कुछ खास तरह के संगठन को फायदा पहुंचाने के लिए दी गई।