रविवार, सूर्य ग्रहण, संक्रांति, द्वादशी, चंद्रग्रहण तथा सांय काल में तुलसी के पत्तों को भूलकर भी नहीं तोड़ना चाहिए।
नई दिल्ली: भारत देश धार्मिक मान्यताओं के लिए जाना जाता है, वही हिंदू धर्म में तुलसी की बेहद ही अहमियत होती है। तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल ज्यादातर पूजा-पाठ में किया जाता है। वहीं, तुलसी में कई सारे औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिसके कारण इसका इस्तेमाल कई प्रकार की बीमारियों के लिए भी किया जाता है। ऐसी प्रथा है कि यदि घर में तुलसी का पौधा लगाया जाए तो उससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
वही कई व्यक्तियों के यहां स्नान करने के पश्चात् तुलसी की उपासना की जाती है। वहीं, ये भी देखा गया है कि कुछ व्यक्ति प्रातः उठते ही तुलसी की चाय पीना बेहद ही अधिक पसंद करते हैं। किन्तु यदि आप भी तुलसी को तोड़ते हैं तो एक बात का ख्याल अवश्य आपको रखना चाहिए।
तुलसी के पौधे को लेकर ऐसी प्रथा है कि रविवार, सूर्य ग्रहण, संक्रांति, द्वादशी, चंद्रग्रहण तथा सांय काल में तुलसी के पत्तों को भूलकर भी नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि एकादशी पर मां व्रती होती हैं तथा यदि इस दिन पत्ते को तोड़ा जाता है तो घर में निर्धनता आती है।
इसलिए रविवार के दिन तुलसी के पत्तों को भूलकर भी नहीं तोड़ना चाहिए। कई व्यक्ति तो ऐसा भी मानते हैं कि मंगलवार के दिन भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए क्योंकि इस दिन को व्यक्ति क्रूर वार मानते हैं। और इन बातों का विशेष ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है, क्योकि इसका सीधा प्रभाव आपकी गृह गृहस्थी पर पड़ता है।