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हर साल 8 नवंबर को ‘आजीविका हत्या दिवस’ व 4 जून को ‘मोदी मुक्ति दिवस’ के रूप में मनाएंगे भारत के लोग : जयराम रमेश

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाने का निर्णय लिया है। इसको लेकर सरकार की तरफ से नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। तो वहीं, केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों ने पलटवार करते हुए तीखा हमला बोला है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाने का निर्णय लिया है। इसको लेकर सरकार की तरफ से नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। तो वहीं, केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों ने पलटवार करते हुए तीखा हमला बोला है।

पढ़ें :- झारखंड में वोटिंग से पहले नॉन-बायोलॉजिकल पीएम के ट्रैक रिकॉर्ड पर जरूर डालें नजर, कांग्रेस ने प्रदेश की जनता से की अपील

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल पर लिखा कि ‘नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री एक बार फिर हिपोक्रेसी से भरा एक हेडलाइन बनाने का प्रयास कर रहे हैं। भारत के लोगों से उन्हें 4 जून, 2024 व्यक्तिगत, राजनीतिक और नैतिक हार मिली थी। इस दिन को इतिहास में ‘मोदी मुक्ति दिवस’ के नाम से जाना जाएगा।’

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जयराम रमेश ने आगे कहा कि इस हार से पहले उन्होंने दस सालों तक अघोषित आपातकाल लगा रखा था। यह वही नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने भारत के संविधान और उसके सिद्धांतों, मूल्यों एवं संस्थानों पर सुनियोजित ढंग से हमला किया है। यह वही नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री हैं जिनके वैचारिक परिवार ने नवंबर 1949 में भारत के संविधान को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि यह मनुस्मृति से प्रेरित नहीं था। उन्होंने कहा कि यह वही नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री हैं जिनके लिए डेमोक्रेसी का मतलब केवल डेमो-कुर्सी है। वहीं, आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि 2014 से भाजपा ने हर दिन संविधान की हत्या की है। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में अनिल मसीह ने संविधान की हत्या की। दिल्ली में, 9 साल की लंबी लड़ाई के बाद दिल्ली सरकार ने अपने तहत सेवाएं प्राप्त की।

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा ने एक कानून लाया और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नकार दिया। संविधान की हत्या तब हुई जब भाजपा चुनावी बांड लेकर आई। तो वहीं, संविधान हत्या दिवस पर टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा कि सालों बाद भाजपा अपनी जनविरोधी नीति, आपदाओं और देश की खराब स्थिति से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है।

 

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल पर एक वीडियो पोस्टर कर लिखा कि अब से हर साल 8 नवंबर को भारत के लोग “आजीविका हत्या दिवस” के रूप में मनाएंगे। इसका गजट नोटिफिकेशन भी जल्द ही जारी होगा।

बेरोज़गारी 45 सालों के उच्च स्तर पर है वित्त मंत्री नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री की तारीफ़ करने में लगी हैं : जयराम रमेश

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल पर लिखा कि नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री के चीयरलीडर्स और उनके लिए ढोल पीटने वालों का दावा है कि आर्थिक विकास बहुत तेज़ी से हो रहा है और बड़ी संख्या में नौकरियों के अवसर पैदा हो रहे हैं। लेकिन यदि वास्तव में ऐसा होता तो ये स्थितियां नहीं बनती।

निजी निवेश, आर्थिक विकास का एक प्रमुख इंजन है। यह अप्रैल-जून 2024 के दौरान 20 साल के निचले स्तर पर था। यह अभी भी इतना सुस्त क्यों है? आर्थिक विकास का एक अन्य इंजन निजी खपत है। यदि उच्च स्तर को छोड़ दें तो यह क्यों तेजी से नहीं बढ़ रहा है? घरेलू बचत गिरकर रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर क्यों पहुंच गई है और घरेलू कर्ज़ रिकॉर्ड ऊंचाई पर क्यों पहुंच गया है?

ग्रामीण मज़दूरी में गिरावट क्यों जारी है और राष्ट्रीय आय में मजदूरी का हिस्सा क्यों घट रहा है? GDP में मैन्युफैक्चरिंग की हिस्सेदारी रिकॉर्ड निचले स्तर पर है और अभी भी क्यों घटती जा रही है? पिछले 7 वर्षों में असंगठित क्षेत्र में 17 लाख नौकरियां क्यों ख़त्म हो गई हैं? बेरोज़गारी 45 सालों के उच्च स्तर पर क्यों पहुंच गई है, युवा स्नातकों के बीच बेरोज़गारी 42% क्यों है? ये मूलभूत समस्याएं हैं जिनका आगामी बजट में समाधान ढूंढना चाहिए, लेकिन वित्त मंत्री नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री की तारीफ़ करने में लगी हैं।

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