नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने अपनी याचिका में 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च पर रोक लगाने को कहा है। तो वहीं किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वो वापस नहीं जाएंगे और उन्होंने ट्रैक्टर रैली का प्लान भी बता दिया है। पिछले 54 दिनों से किसानों का आंदोलन जारी है। कल सरकार और किसानों के बीच दसवें राउंड की बातचीत होनी है लेकिन उससे पहले आज सुप्रीम कोर्ट दिल्ली पुलिस की अर्जी पर सुनवाई करेगा। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि किसान केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ ‘मई 2024 तक’ प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं और दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसानों का आंदोलन ‘वैचारिक क्रांति’ है।
नागपुर में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी चाहते हैं। हम सुप्रीम कोर्ट नहीं गये थे, इसलिए हम सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी के सामने भी पेश नहीं होंगे, सरकार को हमारी बात माननी ही पड़ेगी। योगेंद्र यादव ने रविवार को कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन किसान दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। इस दौरान सभी ट्रैक्टरों पर तिरंगा लगा होगा। साथ ही वो आउटर रिंग रोड पर मार्च करेंगे। इसके लिए हजारों ट्रैक्टरों को तैयार किया जा रहा है। योगेंद्र यादव ने साफ किया कि ये रैली राजपथ से बहुत दूर होगी, ऐसे में आधिकारिक गणतंत्र दिवस समारोह में कोई व्यवधान नहीं पैदा होगा।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में भी किसानों संगठनों ने साफ किया था कि वो गणतंत्र दिवस का सम्मान करते हैं, इस वजह से समारोह में किसी भी तरह का व्यवधान नहीं डालेंगे। तो वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को बागलकोट में नए कृषि कानूनों को किसानों के लिए फायदेमंद बताया और कांग्रेस पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि मैं उन कांग्रेस नेताओं से पूछना चाहता हूं, जो किसानों के पक्ष में बात कर रहे हैं, आपने किसानों को 6,000 रुपये प्रति वर्ष क्यों नहीं दिए। इसके अलावा जब आप सत्ता में थे तो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना या संशोधित इथेनॉल नीति क्यों नहीं बनाई? क्योंकि आपका इरादा किसानों की भलाई का नहीं था।