लखनऊ। सरकारी योजनों से लेकर टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये हड़पने वाले जालसाज महेंद्र चंद्र श्रीवास्तव पर अफसरों और नेताओं की मेहरबानी जारी है। कई फर्जी दस्तावेजों और कंपनियों के जरिए जालसाज ने करोड़ों रुपयों का गबन किया है।
इसके खिलाफ राजधानी लखनऊ समेत अन्य जगहों पर करीब एक दर्जन से ज्यादा मुकदमें दर्ज हैं।
इनमें सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं। पूर्वर्ती सपा सरकार की कई योजनाओं में इसने जमकर लूट खसोट की थी। सपा सरकार के दौरान वर्ष 2016 में यूपी के विभिन्न जनपदों के राजकीय मेडिकल कालेजों में मॉडुलर ओटी फायर एलार्म एवं फायर फाइटिंग सिस्टम के अनेकों कार्य कार्यदायी संस्थाओं को चिकित्सा शिक्षा द्वारा आवंटित किए गए थे।
इसके लिए सरकार ने करीब 200 करोड़ रुपये की धनराशि इन्हें काम करने के लिए दी गयी थी। इन रुपयों का जमकर बंदरबांट हुआ था। इस मामले में भी महेश चंद्र श्रीवास्तव की कंपनियों का नाम सामने आया था।
सूत्रों की माने तो इस निर्माण कार्य में महेंश चंद्र श्रीवास्तव ने करोड़ों रुपये का घोटाला किया था। आरोपी खुद को कई प्रभावशाली अफसरों का बेहद करीबी बताता है। इसके साथ ही अफसरों के जरिए कोई भी काम कराने का भी खुद ही प्रचार करता रहता है।
ब्यूरोक्रेटस और नेताओं का हैं संरक्षण
जालसाज की पहुंच दर्जनों भर से ज्यादा ब्यूरोक्रेटस और नेताओं तक हैं। इन लोगों के द्वारा आरोपी को संरक्षण दिया जाता है। सूत्रों की माने तो इनके द्वारा ही इसकी कई कंपनियों को पूर्वर्ती सरकारों में काम दिलाया गया था, जिसमें इसने करोड़ों रुपयों का बंदरबांट किया। सबसे बड़ी बात ये है कि इसके खिलाफ दर्जनों मुकदमें दर्ज होने के बाद भी इसके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकी है।
योगी सरकार में भी मिल रहा संरक्षण
सूत्रों की माने तो जालसाज को इस सरकार में भी कई नेताओं और ब्यूरोक्रेटस का संरक्षण प्राप्त है। आरोपी कई अफसरों का बेहद करीबी बताया जाता है। इनके दम पर करोड़ों रुपयों की ठगी के बाद भी इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है। सूत्रों की माने तो आरोपी ने कई कंपनियों के जरिए योगी सरकार में करोड़ों के काम किए हैं।
नोट—जल्द ही हम इस जालसाज के दूसरे कारनामें का खुलासा करेंगे। पर्दाफाश की टीम के हाथ जालसाज के कई अहम सुबूत लगे हैं। इसके साथ ही इसे संरक्षण देने वाले ब्यूरोक्रेटस और नेताओं के जाल का खुलासा किया जाएगा।