जीवन के मर्म के बारे में धर्म ग्रंथ गरुड़ पुराण में विस्तृत रूप से बताया गया है। जीवन जीने के लिए पालन करने योग्य आवश्यक बातों को बहुत विस्तार पूर्वक इस पुराण में बताया गया है।
Garuda Purana : जीवन के मर्म के बारे में धर्म ग्रंथ गरुड़ पुराण में विस्तृत रूप से बताया गया है। जीवन जीने के लिए पालन करने योग्य आवश्यक बातों को बहुत विस्तार पूर्वक इस पुराण में बताया गया है। गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु का उनके वाहन गरुड़ के साथ चर्चा के दौरान की कई बातों को बताया गया है। यह वैष्णव पुराण है। गरुड़ पुराण में विष्णु-भक्ति का विस्तार से वर्णन है। भगवान विष्णु के चौबीस अवतारों का वर्णन ठीक उसी प्रकार यहां प्राप्त होता है, जिस प्रकार ‘श्रीमद्भागवत’ में उपलब्ध होता है।
1.गरुड़ पुराण में बताया गया है कि व्यक्ति को ब्रह्म मुहूर्त में बिस्तर छोड़ देना चाहिए। इस समय का वातावरण बहुत ही शुद्ध और शरीर के लिए बहुत ही अच्छा होता है। देर तक सोने से व्यक्ति की आयु कम होती है।
2.भूख से ज्यादा कभी न खाएं। इसे शुभ नहीं माना जाता है। ऐसा करने से शरीर में आलस्य आता है और व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता पर भी असर पड़ता है।
3.कभी किसी के साथ बुरा व्यवहार मत करो, कभी भी अपशब्द मत बोलो. ऐसा करने वालों पर मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।
4.गरुड़ पुराण के अनुसार कभी भी सांप, अग्नि, शत्रु और शत्रु मित्रों पर भरोसा नहीं करना चाहिए। क्योंकि ये आपको कभी भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
5.अपना घर अपना ही होता है और वहां रहने से सबसे अधिक सम्मान प्राप्त होता है। यह केवल कहने वाली बात नहीं है, बल्कि सामाजिक रूप से जांच-परखा उदाहरण है। इसलिए कहते हैं कि एक स्त्री को पराए घर में अधिक समय नहीं रहना चाहिए।