जीवन अमूल्य है। जीवन के बारे सनातन धर्म के शास्त्रों में वर्णित है। जीवन यात्रा में किन कार्यों को करना चाहिए और किन कार्यों को करने से बचना चाहिए इस बारे में वैष्णव संप्रदाय के मुख्य पुराणों में से एक गरुड़ पुराण में बताया गया है।
Garuda Purana : जीवन अमूल्य है। जीवन के बारे सनातन धर्म के शास्त्रों में वर्णित है। जीवन यात्रा में किन कार्यों को करना चाहिए और किन कार्यों को करने से बचना चाहिए इस बारे में वैष्णव संप्रदाय के मुख्य पुराणों में से एक गरुड़ पुराण में बताया गया है। गरुड़ पुराण में जीवन और मृत्यु के बाद जीवन की क्या गति होती है इस बारे में बताया है। भगवान विष्णु ने गरुड़ पुराण में पक्षियों के राजा गरुड़ द्वारा पूछे गए रहस्यमय प्रश्नों के उत्तर दिए हैं। यह पुराण भगवान विष्णु की भक्ति और उनके ज्ञान पर आधारित है। प्रत्येक व्यक्ति को यह पुराण पढ़ना चाहिए। गरुड़ पुराण हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथों में से एक है।
गरुड़ पुराण की सीख
1.गरुड़ पुराण के अनुसार व्यक्ति किसी व्यक्ति की दिनचर्या सूर्योदय के पूर्व शुरू हो जाती है। और सूर्यास्त के समय कभी नहीं सोना चाहिए। इससे मन विचलित रहता है।
2. गरुड़ पुराण के अनुसार स्वस्थ रहने के लिए भूख से ज्यादा कभी न खाएं। इसे शुभ नहीं माना जाता है। ऐसा करने से शरीर में आलस्य आता है और व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता पर भी असर पड़ता है।
3.गरुड़ पुराण में बताया गया है कि, कभी किसी के साथ बुरा व्यवहार मत करो, कभी भी अपशब्द मत बोलो। ऐसा करने वालों पर मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।
4.गरुड़ पुराण के अनुसार कभी भी सांप, अग्नि, शत्रु और शत्रु मित्रों पर भरोसा नहीं करना चाहिए। क्योंकि ये आपको कभी भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
5.गरुड़ पुराण की शिक्षाओं में बुरे चरित्र वाले लोगों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
6.मित्रों और संबंधियों से कभी भी शत्रुता नहीं करनी चाहिए। बुरे समय में ये लोग आपके काम आते हैं।
7.दूसरे के घर में अधिक समय तक नहीं रहना चाहिए और बार-बार नहीं जाना चाहिए।