देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कहर के बीच में एक राहत की भी खबर है। विशेषज्ञों दावा है कि इस महीने में कोरोना अपने पीक पर रहेगा। लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि जून में नये मामलों में बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है।
कानपुर। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कहर के बीच में एक राहत की भी खबर है। विशेषज्ञों दावा है कि इस महीने में कोरोना अपने पीक पर रहेगा। लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि जून में नये मामलों में बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है।
हैदराबाद में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में प्रोफेसर माथुकुमल्ली विद्यासागर का अनुमान है कि आने वाले कुछ दिनों में कोरोना अपने पीक पर होगा। जबकि आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल द्वारा तैयार मॉडल का हवाला देकर उन्होंने कहा कि मौजूदा अनुमान के मुताबिक, जून के अंत तक हर दिन 20 हजार केस देखने को मिल सकते हैं।
हालांकि, विद्यासागर ने जरूरत के हिसाब से इसे संशोधित करने की भी बात कही है। अगर यह अनुमान सही साबित होता है, तो कोरोना की दूसरी लहर झेल रहे भारत के लिए राहत की बात होगी, क्योंकि अभी देश में हर दिन करीब चार लाख से अधिक कोरोना केस सामने आ रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, बीते तीन दिनों से लगातार देश में रोजाना कोरोना के चार लाख से अधिक मामले आ रहे हैं। रोजाना होने वाली मौत की संख्या ने भी चार हजार का आंकड़ा पार कर लिया है।
जुलाई में खत्म हो जाएगी दूसरी लहर
कोरोना के आंकड़ों का एनालिसिस कर रहे आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर प्रद्मश्री मनिंद्र अग्रवाल ने दावा किया है कि जुलाई तक कोरोना की दूसरी लहर खत्म हो जायेगी। प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि अभी ओड़िशा, असम और पंजाब के पीक का समय कुछ साफ नहीं हो पाया है। इसके लिए कुछ इंतजार करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों के डेटा पर शोध करने पर हम यह मालूम कर लेंगे। प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि दिल्ली और मध्यप्रदेश का पीक आ चुका है, जबकि हरियाणा में पीक का समय आगे बढ़ गया है।
लोग चाहें तो कोरोना की तीसरी लहर को आने से रोक सकते हैं
माना जा रहा है कि जुलाई में कोरोना की दूसरी लहर के शांत होने के बीच अक्तूबर में तीसरी लहर भी आएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना का डेटा एनालिसिस करने पर पता चला है कि अक्तूबर से ही तीसरी लहर भी शुरू हो जायेगी। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल अनुमान है और इसके पूरी तरह सही होने की कोई संभावना नहीं है। यह लोगों के हाथ में है, वे चाहें तो कोरोना की तीसरी लहर को आने से रोक सकते हैं।