पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को एक और पत्र लिखा है। इस दौरान ममता बनर्जी (Mamata Banerjee)ने दुष्कर्म और हत्या के जघन्य अपराधों पर कड़े केंद्रीय कानून और सजा तथा एक निश्चित समय सीमा में मामलों के निपटारे की मांग की।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को एक और पत्र लिखा है। इस दौरान ममता बनर्जी (Mamata Banerjee)ने दुष्कर्म और हत्या के जघन्य अपराधों पर कड़े केंद्रीय कानून और सजा तथा एक निश्चित समय सीमा में मामलों के निपटारे की मांग की।
ममता ने पीएम मोदी से अदालतों में स्थायी न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति की अनुमति देने का किया आग्रह
ममता ने पत्र में लिखा है कि पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Government) ने इस मुद्दे को हल करने के लिए पहले ही महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें 88 फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) और 62 पॉक्सो अदालतों के साथ-साथ बच्चों के खिलाफ अपराध के लिए 10 विशेष अदालतों की स्थापना शामिल हैं। उन्होंने लिखा कि सभी अदालतें राज्य की ओर से चलाई जा रही हैं। ममता ने पीएम मोदी से हस्तक्षेप करने और इन अदालतों में स्थायी न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति की अनुमति देने का आग्रह किया है। इससे पहले वाले पत्र में ममता ने दावा किया था कि पूरे देश में प्रतिदिन 90 दुष्कर्म के मामले होते हैं। पत्र के जवाब में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी (Union Women and Child Development Minister Annapurna Devi) ने लिखा था कि पिछले महीने लागू की गई भारतीय न्याय संहिता में कड़ी सजा का प्रावधान है। इससे महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में त्वरित न्याय का प्रावधान किया गया है।
कहां है न्याय? कहां तक पहुंची जांच? ममता ने कहा कि ऐसे कृत्यों की केवल एक ही सजा है- फांसी पर लटकाना
बता दें कि इससे पहले ममता बनर्जी ने तृणमूल छात्र परिषद के 27वें स्थापना दिवस को आरजी कर डॉक्टर को समर्पित किया था। उन्होंने कहा था कि आरजी कर महिला डॉक्टर दुष्कर्म-हत्या मामले की जांच कई दिनों से केंद्रीय जांच एजेंसी कर रही है। कहां है न्याय? कहां तक पहुंची जांच? ममता ने कहा कि ऐसे कृत्यों की केवल एक ही सजा है- फांसी पर लटकाना। अगले हफ्ते हम विधानसभा सत्र बुलाएंगे और दुष्कर्मियों के लिए मृत्युदंड सुनिश्चित करने के लिए 10 दिनों के भीतर एक विधेयक पारित करेंगे। हम इस विधेयक को राज्यपाल के पास भेजेंगे। अगर वह इसे पारित नहीं करते हैं, तो हम राजभवन के बाहर धरना देंगे। यह विधेयक पारित होना ही चाहिए और वह इस बार जवाबदेही से बच नहीं सकते।
दरअसल, 9 अगस्त की सुबह आरजी कर मेडिकल कॉलेज में चौथी मंजिल पर बने सेमिनार हॉल में डॉक्टर का अर्धनग्न अवस्था में शव मिला था। शव के पास उसका मोबाइल और लैपटॉप बरामद किया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई। हत्याकांड को लेकर पश्चिम बंगाल समेत पूरे देश में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। मामले में अस्पताल में तैनात एक सिविक वालंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया है।