सनातन धर्म में नवरात्रि के प्रति भक्तों की विशेष आस्था है। हिंदू पंचांग के अनुसार,साल में आने वाली चार नवरात्रि पड़ती है। माघ और आषाढ़ माह में पड़ने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है।
Gupt Navratri 2022: सनातन धर्म में नवरात्रि के प्रति भक्तों की विशेष आस्था है। हिंदू पंचांग के अनुसार,साल में आने वाली चार नवरात्रि पड़ती है। माघ और आषाढ़ माह में पड़ने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। भक्तों में इस नवरात्रि को लेकर विशेष आस्था है। सभी नवरात्रि में माता के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। इसी तरह माघ मास में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि पर माता के सभी रूपों की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है।
माघ मास की गुप्त नवरात्रि 02 फरवरी यानी आज से प्रारंभ हो रही है, जो 10 फरवरी तक मनाई जाएगी। गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्या की साधना की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की आराधना करने का भी विधान है। गुप्त नवरात्रि तंत्र साधना, जादू-टोना, वशीकरण आदि चीजों के लिए ही भक्तों के बीच विशेष महत्व रखता है।
गुप्त नवरात्रि में घट स्थापना का शुभ मुहूर्त- प्रातः काल 7 बजकर 9 मिनट से लेकर 8 बजकर 31 मिनट तक है.
इस दौरान साधक कलश स्थापना कर मां की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।
पूजा के समय इस मंत्र का करें जाप
या देवी सर्वभूतेषु प्रकृति रूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो।
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