सनातन संस्कृति में आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं। सनातन धर्म संस्कृति गुरु का जीवन में बहुत महत्व है।
Guru Purnima 2024 : सनातन संस्कृति में आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं। सनातन धर्म संस्कृति गुरु का जीवन में बहुत महत्व है। माना जाता है कि व्यक्ति को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने में गुरु की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती है। मान्यता है कि जीवन में गुरु (Guru) का होना बहुत ज्यादा जरूरी है, क्योंकि यही हमें सही मार्ग दिखाते हैं और धर्म की ओर अग्रसर करते हैं।
प्रत्येक वर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा (Purnima) तिथि के दिन गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) का पावन त्योहार मनाया जाता है। जो इस बार 21 जुलाई 2024 के दिन मनाया जाएगा। गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु का आशीर्वाद लेने के साथ ही स्नान-दान का भी विशेष महत्व होता है।
ध्यान लगाकर आराधना करनी चाहिए
गुरु पूर्णिमा के दिन, भक्त सुबह जल्दी उठते हैं और पवित्र नदियों में स्नान करते हैं या घर पर अनुष्ठान करते हैं। वे प्रार्थना करते हैं और अपने गुरुओं से आशीर्वाद मांगते हैं, उनके मार्गदर्शन और ज्ञान के लिए आभार व्यक्त करते हैं। आश्रमों और आध्यात्मिक केंद्रों में, गुरु-शिष्य संबंधों का सम्मान करने के लिए विशेष कार्यक्रम, सत्संग (आध्यात्मिक प्रवचन) और भजन (भक्ति गीत) आयोजित किए जाते हैं।