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अयोध्या में CM योगी 156 देशों की नदियों के पवित्र जल से 23 अप्रैल को करेंगे रामलला का जलाभिषेक

रामनगरी अयोध्या में बन रहे भव्य मंदिर को अगले साल तक भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। मंदिर का निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है। इसी बीच आगामी 23 अप्रैल यानी रविवार को रामलला (Ramlala) का जलाभिषेक (Jalabhishek) किया जाएगा। इसके लिए विश्व के 156 देशों की पवित्र नदियों से जल मंगवाया गया है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

अयोध्या। रामनगरी अयोध्या में बन रहे भव्य मंदिर को अगले साल तक भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। मंदिर का निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है। इसी बीच आगामी 23 अप्रैल यानी रविवार को रामलला (Ramlala) का जलाभिषेक (Jalabhishek) किया जाएगा। इसके लिए विश्व के 156 देशों की पवित्र नदियों से जल मंगवाया गया है। रामलला (Ramlala)  का जलाभिषेक (Jalabhishek) खुद सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) स्वयं करेंगे।

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) मौजूद रहेंगे। साथ ही रामलला (Ramlala)  के जलाभिषेक कार्यक्रम में कई देशों के राजनयिक और अध्यात्मिक गुरू भी हिस्सा ले रहे हैं।

156 देशों से मंगवाया गया जल

बता दें कि पाकिस्तान, चीन और उजेबकिस्तान समेत 156 देशों से जल मंगवाया गया है। विश्व के कई देशों के पवित्र नदियों का जल मंगवाने का काम दिल्ली के पूर्व बीजेपी विधायक विजय जॉली (Former Delhi BJP MLA Vijay Jolly) को दिया गया था। वह साल 2020 से इस काम में लग गए थे।

कलश में लिखे हैं देशों के नाम

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आखिरकार अब वह घड़ी आ गई है। जब विश्व के 156 देशों से जल अयोध्या पहुंच गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) रामलला (Ramlala)   का जलाभिषेक(Jalabhishek) रविवार (23 अप्रैल) को करने वाले हैं। यह कार्यक्रम अयोध्या के मनीराम दास छावनी में किया जाएगा। यहां पर हर देशों के जल को कलश के अंदर रखा गया है। कलश में उस देश का नाम और नदी का भी नाम कागज की पर्ची के माध्यम से लिखा गया है।

पाकिस्तान की रावी नदी का भी जल शामिल

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विजय जॉली ने बताया कि विश्व की पवित्र नदियों से जल लाना आसान काम नहीं था। बहुत ही सुनियोजित तरीके से काम करके ये पवित्र जल को एकत्रित किया गया है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की रावी नदी का जल पहले दुबई लाया गया। फिर वहां से दिल्ली आया। अब उसे अयोध्या पहुंचाया गया है। ऐसे ही विश्व के बाकी देशों की पवित्र नदियों से जल लाकर उन्हें अयोध्या पहुंचाया गया है।

 

 

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