समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने देश की नयी संसद भवन के लिए भी देशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि संसद की नयी इमारत नयी लोकतांत्रिक चेतना के लिए प्रकाश स्तंभ बनेगी।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने देश की नयी संसद भवन के लिए भी देशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि संसद की नयी इमारत नयी लोकतांत्रिक चेतना के लिए प्रकाश स्तंभ बनेगी।
नये संसद भवन के लिए सभी देशवासियों और सभी वर्तमान व भूतपूर्व सांसदों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ!
आशा है देश की स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा को ये नया विस्तारित परिसर नया राजनीतिक-वैचारिक विस्तार भी देगा और सांसदों के लिए ये नयापन सिर्फ़ भवन का नहीं मनन का भी होगा।
उम्मीद है कि…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 19, 2023
पढ़ें :- Video-सपा विधायक सुरेश यादव के बिगड़े बोल, भाजपा को बताया एक हिंदू आतंकवादी संगठन, ये लोग देश को करना चाहते बर्बाद
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कहा कि नये संसद भवन के लिए सभी देशवासियों और सभी वर्तमान व भूतपूर्व सांसदों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं! आशा है देश की स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा को ये नया विस्तारित परिसर नया राजनीतिक-वैचारिक विस्तार भी देगा और सांसदों के लिए ये नयापन सिर्फ़ भवन का नहीं मनन का भी होगा।
उम्मीद है कि हमारी पुरानी संसद सदैव प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी और नयी संसद नयी लोकतांत्रिक चेतना के लिए प्रकाश स्तंभ बनेगी। बता दें कि इस समय संसद का विशेष सत्र चल रहा है। विशेष सत्र (Special Session) के पहले दिन की कार्यवाही पुरानी संसद भवन की इमारत में हुई। आज मंगलवार से विशेष सत्र (Special Session) के बाकी दिनों की कार्यवाही नयी इमारत में होगी।
महिला आरक्षण लैंगिक न्याय और सामाजिक न्याय का होना चाहिए संतुलन
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कहा कि महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) में लैंगिक न्याय और सामाजिक न्याय का संतुलन होना चाहिए। इसमें पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी (PDA) की महिलाओं का आरक्षण निश्चित प्रतिशत रूप में स्पष्ट होना चाहिए।
महिला आरक्षण लैंगिक न्याय और सामाजिक न्याय का संतुलन होना चाहिए।
इसमें पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी (PDA) की महिलाओं का आरक्षण निश्चित प्रतिशत रूप में स्पष्ट होना चाहिए।— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 19, 2023