नई दिल्ली: हमारे शरीर के बहुत सारे वेग होते हैं, जिनमें मुख्य तौर पर भूख लगना, प्यास लगना, छीक आना, पेशाब लगना, उल्टी की इच्छा, जम्हाई आना इत्यादि है, जो शरीर की जरूरत है। इसलिए इन वेगों को कभी भी नहीं रोकना चाहिए।
नहीं तो इसके विपरीत परिणाम होते हैं। शरीर के वेग में से कुछ आवश्यक वेग की जानकारी हम आपको देने जा रहे हैं। ये शरीर के वेग जिन्हें रोकने से हमें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
कहते हैं दुख में आंसू ना निकले तो व्यक्ति पागल तक हो सकता है। या किसी सदमे से उसकी मृत्यु भी हो सकती है। इसको रोकने से मस्तिष्क मे भारीपन रहना, नेत्र दोष, जुकाम, ह्रदय रोग, अरुची आदि के रोग की संभावना बढ़ जाती है।
नींद के वेग को रोकने से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति कम होती है, और चिड़चिड़ापन आता है।
मूत्र वेग को कभी भी नहीं रोकना चाहिए, ऐसा करने से मूत्र की थैली में संक्रमण होने का खतरा रहता है। लिंग इंद्रियों में दर्द होता है। मस्तिष्क में दर्द की शिकायत रहती है। मूत्र रुक-रुककर आता है। और आंखों की रोशनी भी कम होने लगती है।
कहते हैं वीर्य के वेग को रोकने से प्रोस्टेट के कैंसर होने का खतरा रहता है। मूत्राशय में सूजन, गुर्दे में पीड़ा, पेशाब का कष्ट से होना, शुक्र की पथरी और वीर्य के रिसने जैसे अनेक रोग होने की संभावना होती है।