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आपदा की घड़ी में केन्द्र व राज्य सरकार हर पीड़ित व्यक्ति के साथ खड़ी है : योगी

यूपी (UP) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने सोमवार को जनपद फर्रुखाबाद के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र तथा राहत शिविरों का निरीक्षण किया। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों से भेंट कर राहत सामग्री का वितरण किया।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ : यूपी (UP) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने सोमवार को जनपद फर्रुखाबाद के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र तथा राहत शिविरों का निरीक्षण किया। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों से भेंट कर राहत सामग्री का वितरण किया। मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित लोगों को आश्वस्त किया कि आपदा की इस घड़ी में केन्द्र व राज्य सरकार हर पीड़ित व्यक्ति कि साथ खड़ी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के प्रति पूरी संवेदना है। जनप्रतिनिधि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जनता जनार्दन की सेवा हेतु पूरी तत्परता के साथ कार्य कर रहे हैं।

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इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में एक तरफ बाढ़, तो दूसरी ओर सूखे की समस्या है। यह विचित्र स्थिति पूरे प्रदेश में देखने को मिल रही है। वर्तमान में प्रदेश के 21 जनपदों के 721 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। प्रदेश के 12 जनपदों में औसत से अधिक वर्षा हुई है। शेष 63 जनपदों में से 26 जनपदों में सामान्य व 22 जनपदों में औसत से कम वर्षा हुई है। 15 जनपदों में सूखे की स्थिति है। उत्तराखण्ड में अत्यधिक वर्षा की स्थिति के कारण बदायूं, फर्रुखाबाद, शाहजहांपुर, बाराबंकी, अयोध्या और बलिया जनपदों में गंगा/घाघरा नदी के खतरे के निशान से ऊपर बहने के करण बहुत से गांव बाढ़ की चपेट में हैं।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष प्रदेश के बहुत से जनपदों में सितम्बर और अक्टूबर माह में बाढ़ देखने को मिली थी। इस वर्ष बाढ़ अगस्त महीने में ही देखने को मिल रही है। पहले चरण में सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, गाजियाबाद और बागपत आदि जनपदों में बाढ़ आ चुकी है। दूसरे चरण में कन्नौज, बदायूं, फर्रुखाबाद आदि जनपद बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इन जनपदों में एन0डी0आर0एफ0/एस0डी0आर0 एफ0 की 07 कम्पनियां तथा पी0ए0सी0 की 08 कम्पनियां बाढ़ बचाव कार्य में लगी हुई हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ित परिवारों को लगातार राहत सामग्री वितरण की कार्रवाई की जा रही है। बाढ़ प्रभावित जनपदों में 45 हजार 900 से अधिक ड्राई राशन किट, 04 लाख 14 हजार से अधिक लंच पैकेट और 2,600 से अधिक डिग्निटी किट वितरित की जा चुकी हैं। ड्राई राशन किट में 10 किलो चावल, 10 किलो आटा, 10 किलो आलू, 05 किलो भुना हुआ चना, दाल, तेल, मसाले और बरसाती के अलावा अन्य सामग्री की उपलब्ध कराई जा रही हैं। अब तक 1,101 बाढ़ शरणालय, 1,504 बाढ़ चौकियां, 2,000 से अधिक मेडिकल टीमें गठित की गई हैं। प्रदेश भर में 2,040 से अधिक नावें बचाव और राहत कार्य में लगाई गई हैं। पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की गई है। इसके अंतर्गत 840 पशु चारा शिविर लगाए गए हैं। 28 लाख से अधिक पशुओं के टीकाकरण की कार्यवाही की गई है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण कर फसल नुकसान की रिपोर्ट शासन को समय से उपलब्ध कराने की कार्रवाई चल रही है, ताकि प्रभावित किसानों को समय से मुआवजा उपलब्ध कराया जा सके।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद फर्रुखाबाद में 116 गांवों की लगभग 80 हजार आबादी गंगा और रामगंगा नदी की बाढ़ से प्रभावित है। पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए 22 मकानों में रहने वाले परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत एक-एक आवास उपलब्ध कराया जाएगा। आंशिक क्षतिग्रस्त हुए 6 मकानों में रहने वाले परिवारों और 70 क्षतिग्रस्त हुई झोपड़ियों में रहने वाले परिवारों को मुआवजा देने के आदेश निर्गत गए हैं। विस्थापित परिवारों को बाढ़ शरणालय में यथोचित व्यवस्था उपलब्ध कराने के निर्देश दिए जा चुके हैं। जनपद में अब तक 52 बाढ़ चौकियां स्थापित की गयी हैं। 24 शरणालयों का निर्माण किया गया है। 125 नौकाएं बाढ़ बचाव व राहत कार्य में लगाई गई हैं। पी0ए0सी0 की फ्लड यूनिट और एस0डी0आर0एफ0 की एक-एक टीम यहां बाढ़ राहत कार्य में योगदान देने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।

जनपद फर्रुखाबाद में अभी तक 22 हजार से अधिक राहत किट वितरित की गई हैं। इनकी संख्या बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं। 22 हजार से अधिक तिरपाल व 78 हजार 600 से अधिक क्लोरीन की टेबलेट वितरित की गई हैं। जनपद में 15 हजार 200 से अधिक ओ0आर0एस0 पैकेट वितरित किए गए हैं जिससे डायरिया/हैजा आदि बीमारियों से बचाव किया जा सकेगा। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 21 मेडिकल टीमें लगातार कार्य कर रही हैं। 06 सचल मेडिकल टीमें भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कार्य कर रही हैं। अब तक 31 हजार 500 से अधिक लोगों को उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। जनपद में एंटी स्नेक वेनम की 1403 वायल उपलब्ध कराई गई हैं। पशु टीकाकरण की व्यवस्था की गई है। बाढ़ शरणालय और प्रभावित परिवारों को लंच पैकेट की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जनहानि होने पर पीड़ित परिवार को तत्काल 04 लाख रुपए सहायता राशि देने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश सरकार ने बाढ़ की समस्या के स्थायी समाधान के लिए सिंचाई विभाग को निर्देश दिए हैं, ताकि प्रत्येक वर्ष होने वाली जन-धन हानि को रोका जा सके। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के तत्काल निरीक्षण के लिए जिला प्रशासन को निर्देशित किया गया है। पीड़ित परिवारों को 24 घण्टे के भीतर मुआवजा उपलब्ध कराया जाए। लम्बे समय तक बाढ़ की समस्या रहने पर महीने में दो बार ड्राई राशन की किट उपलब्ध कराई जाए, जिससे पीड़ित परिवार आसानी से अपना भरण पोषण कर सके। इस अवसर पर उच्च शिक्षा तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, सांसद मुकेश राजपूत सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण व शासन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

 

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