सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधीय व सगंध पौधा संस्थान (सीएसआईआर-सीमैप) लखनऊ, ने फूलों से अगरबत्ती बनाने की तकनीकी को जाग्रिती फाउन्डेशन, देहरादून को हस्तांतरण किया गया। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हेतु सीमैप के प्रशासन नियंत्रक भाष्कर ज्योति ड्योरी व प्रीत मोहन सिंह कोहली, प्रबंध निदेशक, जाग्रिती फाउन्डेशन, देहरादून ने अनुबन्ध पर हस्ताक्षर किये ।
लखनऊ। सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधीय व सगंध पौधा संस्थान (सीएसआईआर-सीमैप) लखनऊ, ने फूलों से अगरबत्ती बनाने की तकनीकी को जाग्रिती फाउन्डेशन, देहरादून को हस्तांतरण किया गया। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हेतु सीमैप के प्रशासन नियंत्रक भाष्कर ज्योति ड्योरी व प्रीत मोहन सिंह कोहली, प्रबंध निदेशक, जाग्रिती फाउन्डेशन, देहरादून ने अनुबन्ध पर हस्ताक्षर किये ।
सीएसआईआर-सीमैप ने जाग्रिती फाउन्डेशन, देहरादून को फूलों से अगरबत्ती बनाने की तकनीकी की हस्तांतरित
फाउन्डेशन अगले दो महीनों मे ही फूलों से निर्मित अगरबत्ती का उत्पादन शुरू करके जल्द बाजार में उतारेगी। बैठक के दौरान श्री कोहली ने बताया कि इस परियोजना से नशा मुक्ति के बाद हम युवाओं व बेरोजगारों को इस तकनीकी द्वारा प्रशिक्षण देकर उनका पुर्नस्थापन करना मुख्य उद्वेश्य है। इसके अलावा देहरादून तथा हरिद्वार में बेकार हुए फूलों को मंदिर से एकत्रित करके उनसे अगरबत्ती तथा सुगंधित कोन का प्राकृतिक रूप से बनाना। इसके साथ ही उसको आम आदमी तक पहुंचाने का लक्ष्य है, इसमें सीमैप का सहयोग अहम रहेगा।
सीमैप के निदेशक डॉ.प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने बताया कि मंदिर में चढ़े फूलों की पवित्रता बनाये रखने हेतु उत्तराखण्ड़ के अन्य स्थानों पर भी इस तकनीकी का प्रचार प्रसार कर महिलाओं एवं युवाओं को रोजगार देकर भारत वर्ष को अगरबत्ती उद्योग में आत्मनिर्भर बनाना है।
इस अवसर पर संस्थान के डॉ. सौदान सिंह, डॉ. संजय कुमार, डॉ. राम सुरेश शर्मा,डॉ. रमेश कुमार श्रीवास्तव व जाग्रिती फाउन्डेशन, देहरादून के राजीव बंसल व भूलिन्दर सिंह इत्यादि उपस्थित थे।