Saudi Arabia Temporary Ban Visas: सऊदी अरब ने उमराह, बिजनेस और फैमिली विजिट के वीजा को लेकर भारत समेत 14 देशों पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है। ये प्रतिबंध जून 2025 के मध्य तक यानी हज सीजन तक रहेगा। यह फैसला हज के दौरान लोगों की सेफ्टी और ओवरक्राउडिंग को लेकर लिया गया है। उमराह वीजा जारी करने की अंतिम तिथि 13 अप्रैल 2025 तय की गयी है। इसके बाद हज यात्रा खत्म होने तक इन 14 देशों के नागरिकों को इस प्रकार के कोई नए वीजा नहीं दिए जाएंगे।
Saudi Arabia Temporary Ban Visas: सऊदी अरब ने उमराह, बिजनेस और फैमिली विजिट के वीजा को लेकर भारत समेत 14 देशों पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है। ये प्रतिबंध जून 2025 के मध्य तक यानी हज सीजन तक रहेगा। यह फैसला हज के दौरान लोगों की सेफ्टी और ओवरक्राउडिंग को लेकर लिया गया है। उमराह वीजा जारी करने की अंतिम तिथि 13 अप्रैल 2025 तय की गयी है। इसके बाद हज यात्रा खत्म होने तक इन 14 देशों के नागरिकों को इस प्रकार के कोई नए वीजा नहीं दिए जाएंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सऊदी अरब ने उमराह, बिजनेस और फैमिली विजिट के वीजा को लेकर यह फैसला हज के दौरान लोगों की सेफ्टी और ओवरक्राउडिंग को लेकर लिया है। इससे पहले सऊदी अरब ने एक साल के मल्टीपल वीजा को अनिश्चित काल के लिए सस्पेंड कर दिया था। इसके साथ इन 14 देशों से यात्रा को फरवरी 2025 में 30 दिनों के लिए वैलिड सिंगल एंट्री वीजा तक सीमित करने का फैसला लिया था। जिन 14 देशों के वीजा पर प्रतिबंध लगाया है उनमें अल्जीरिया, मिस्र, बांग्लादेश, इथोपिया, इंडोनेशिया, इराक, भारत, जॉर्डन, मोरक्को, नाइजीरिया, पाकिस्तान, सूडान, ट्यूनीषिया और यमन शामिल हैं।
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत समेत अन्य लिस्टेड इन देशों से कुछ नागरिक उमराह या विजिट वीजा पर सऊदी अरब में पहुंचे हैं। यह लोग आधिकारिक चैनल के जरिए रजिस्ट्रेशन किए बिना हज करने के लिए तय समय से ज्यादा समय तक रुके हुए हैं। जिसके बाद सऊदी अरब को मजबूर होकर यह कदम उठाना पड़ा है। अधिकारियों ने इन लोगों को चेतावनी दी है कि बिना अनुमति के हज करने वाले या परमिटेड पीरिएड से अधिक समय तक रुकने वालों पर 5 साल तक बैन लगाया जा सकता है।
गौरतलब है कि सऊदी अरब में 2024 में हज के दौरान हुई 1200 से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी। इसके लिए वहां की सरकार ने बिना रजिस्ट्रेशन आए लोगों की भीड़ और भीषण गर्मी को जिम्मेदार बताया था। कहा गया था कि इन बिना रजिस्ट्रेशन तीर्थयात्रियों तक अक्सर आवास, परिवहन और स्वास्थ्य सेवा जैसी जरूरी सुविधाएं नहीं पहुंच पाती, जिससे जोखिम और रसद संबंधी कठिनाइयां और भी बदहाल हो जाती हैं।