वर्तमान समय की पारंपरिक लड़ाईयों में ड्रोन्स काफी अहम हो गए हैं। यह बात रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) से साबित भी हो गई है। यही वजह है कि विभिन्न देशों की सेनाएं ऐसे हथियार विकसित कर रही हैं, जो उन्हें ड्रोन्स के हमले से बचाएं। भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने भी इस दिशा में बड़ी कामयाबी हासिल की है।
नई दिल्ली। वर्तमान समय की पारंपरिक लड़ाईयों में ड्रोन्स काफी अहम हो गए हैं। यह बात रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) से साबित भी हो गई है। यही वजह है कि विभिन्न देशों की सेनाएं ऐसे हथियार विकसित कर रही हैं, जो उन्हें ड्रोन्स के हमले से बचाएं। भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने भी इस दिशा में बड़ी कामयाबी हासिल की है। बता दें कि नौसेना ने एक ऐसा हथियार विकसित किया है जो उसके युद्धक जहाजों को ड्रोन के हमले से बचाएगा।
नौसेना ने विकसित किया एंटी स्वार्म ड्रोन हथियार
भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने 30 एमएम का एक ऐसा हथियार विकसित किया है जो स्वार्म ड्रोन्स (Swarm Drones) के हमले से बचाएगा। इस हथियार की खासियत ये है कि यह हवा में युद्धक जहाज के आसपास एक रक्षा कवच बना सकता है, जिससे स्वार्म ड्रोन्स (Swarm Drones) को खत्म किया जा सकता है। कमांडर एमएन पाशा (Commander MN Pasha) ने बताया कि यह हथियार 300 स्टील की बॉल्स छोड़ता है जो जिससे इस एक हथियार से एक ही बार में कई ड्रोन्स को निशाना बनाया जा सकता है। इस हथियार को एके-630 वेपन सिस्टम (AK-630 Weapon System) से फायर किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि यह हथियार स्वार्म ड्रोन्स (Swarm Drones) के खिलाफ हमले में काफी प्रभावी पाया गया है और इसके लैब ट्रायल्स भी पूरे हो गए हैं।
भारत मंडपम में भारतीय नौसेना के स्वावलंबन 2023 कार्यक्रम का आयोजन
बता दें कि जब छोटे-बड़े कई ड्रोन्स बड़ी संख्या में एक साथ हमला करते हैं तो उन्हें स्वार्म ड्रोन्स (Swarm Drones) कहा जाता है। बता दें कि दिल्ली में भारत मंडपम (Bharat Mandapam) में भारतीय नौसेना (Indian Navy) के स्वावलंबन 2023 कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में नौसेना ने ड्रोनाम काउंटर ड्रोन सिस्टम (Dronam Counter Drone System) भी प्रदर्शित किया। इस सिस्टम की खासियत ये है कि यह ड्रोन्स के कम्युनिकेशन सिस्टम (Dronam Counter Drone System) को जाम कर सकता है। यह ड्रोनाम काउंटर ड्रोन सिस्टम (Dronam Counter Drone System) पूरी तरह से भारत में विकसित किया गया है और साल 2021 में यह हथियार IDEX कंपटीशन भी जीत चुका है।