कोरोना महामारी की दूसरी लहर की रफ्तार कम होती ही नीतीश सरकार ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को उपस्थित होने का निर्देश दिया है। हालांकि, अभी स्कूलों में बच्चों को नहीं बुलाया जायेगा। शिक्षकों और अन्य स्टाफ सदस्यों को उपस्थित रहने के लिए कहा गया है। राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि शिक्षकों की अनुपलब्धता को लेकर विभिन्न स्कूलों की शिकायतों के बाद यह फैसला लिया गया है।
पटना। कोरोना महामारी की दूसरी लहर की रफ्तार कम होती ही नीतीश सरकार ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को उपस्थित होने का निर्देश दिया है। हालांकि, अभी स्कूलों में बच्चों को नहीं बुलाया जायेगा। शिक्षकों और अन्य स्टाफ सदस्यों को उपस्थित रहने के लिए कहा गया है। राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि शिक्षकों की अनुपलब्धता को लेकर विभिन्न स्कूलों की शिकायतों के बाद यह फैसला लिया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों के कई लोग, स्कूल के प्राचार्यों ने भी इस मुद्दे पर हरी झंडी दी है। सरकारी आदेश में स्कूलों में नहीं आने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। प्रशासनिक कार्यों तथा केंद्र द्वारा भेजे जा रहे अनुदानों का लेखा-जोखा बनाने के लिए शिक्षकों की उपस्थिति आवश्यक है। प्रधानाध्यापकों को शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर जिला प्रशासन को रिपोर्ट देने को कहा गया है।
पिछले साल पूरे भारत में स्कूल को उस समय बंद कर दिया गया था जब देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने लगे थे। लगभग एक साल तक स्कूल बंद रहने के बाद, इन्हें धीरे-धीरे फिर से खोलना शुरू कर दिया गया है क्योंकि राज्यों में कोविड-19 के मामले कम होने शुरू हो गए हैं। केंद्र ने राज्य सरकारों को स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर स्कूलों को फिर से खोलने का निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है।