केंद्र सरकार (Central Government) ने गुरुवार को जया वर्मा सिन्हा (Jaya Verma Sinha) को रेलवे बोर्ड की पहली महिला CEO व अध्यक्ष नियुक्त किया। वह अनिल कुमार लाहोटी की जगह लेंगी। रेलवे बोर्ड, राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के लिए निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था है। जया वर्मा सिन्हा (Jaya Verma Sinha) ने रेलवे बोर्ड की सदस्य (संचालन और व्यवसाय विकास) के रूप में हाल में ओडिशा के बालासोर में हुई भीषण ट्रेन दुर्घटना के बाद जटिल सिग्नल प्रणाली के बारे में मीडिया को बताया था।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Central Government) ने गुरुवार को जया वर्मा सिन्हा (Jaya Verma Sinha) को रेलवे बोर्ड की पहली महिला CEO व अध्यक्ष नियुक्त किया। वह अनिल कुमार लाहोटी की जगह लेंगी। रेलवे बोर्ड, राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के लिए निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था है। जया वर्मा सिन्हा (Jaya Verma Sinha) ने रेलवे बोर्ड की सदस्य (संचालन और व्यवसाय विकास) के रूप में हाल में ओडिशा के बालासोर में हुई भीषण ट्रेन दुर्घटना के बाद जटिल सिग्नल प्रणाली के बारे में मीडिया को बताया था। इस हादसे में लगभग 300 लोगों की मौत हो गई थी। एक आदेश में कहा गया है कि ‘कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने जया वर्मा सिन्हा, सदस्य (संचालन और व्यवसाय विकास), को रेलवे बोर्ड अध्यक्ष (Railway Board Chairman) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी ( CEO) के पद पर नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।
वह एक सितंबर या उसके बाद कार्यभार संभालेंगी और उनका कार्यकाल 31 अगस्त, 2024 तक होगा। सिन्हा एक अक्तूबर को सेवानिवृत्त होने वाली हैं, लेकिन उनका कार्यकाल समाप्त होने पर इसे पुन: बढ़ाया जाएगा। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad University) की पूर्व छात्र सिन्हा 1988 में भारतीय रेलवे यातायात सेवा (Indian Railway Traffic Service) में शामिल हुईं और उत्तर रेलवे, दक्षिण-पूर्व रेलवे और पूर्वी रेलवे में काम किया। उन्होंने चार वर्षों तक बांग्लादेश के ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग (Indian High Commission) में रेलवे सलाहकार के रूप में भी काम किया। बांग्लादेश में उनके कार्यकाल के दौरान ही कोलकाता से ढाका तक चलने वाली मैत्री एक्सप्रेस का उद्घाटन किया गया था।