HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. बड़ी खबर
  3. Kabir Jayanti 2021 कबीर दास जयंती: कबीर के इन दोहों में छिपा जीवन का रहस्य

Kabir Jayanti 2021 कबीर दास जयंती: कबीर के इन दोहों में छिपा जीवन का रहस्य

संतो महात्माओं के जीवन के अनुभव सदियों तक जीवित रहते है। संत कबीर की बानी आज भी उतनी प्रासंगिक हैं जितनी वह उस समय थी। आज के समय में हम सब उनके द्वारा कही गई बातों में जीवन का अर्थ तलाशते है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

लखनऊ: संतो महात्माओं के जीवन के अनुभव सदियों तक जीवित रहते है। संत कबीर की बानी आज भी उतनी प्रासंगिक हैं जितनी वह उस समय थी। आज के समय में हम सब उनके द्वारा कही गई बातों में जीवन का अर्थ तलाशते है। हिंदू पंचांग के अनुसार, संत गुरु कबीर दास जी का जन्म संवत 1455 को ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन हुआ था, इसलिए हर साल ज्येष्ठ पूर्णिमा पर कबीर दास जयंती  मनाई जाती है। इस साल कबीर जयंती का पर्व 24 जून 2021 को मनाया जा रहा है।कबीर दास जी ने अपनी दोहों और कविताओं से संपूर्ण भारतीय जनमानस पर अपना प्रभाव छोड़ा।संत कबीर दास का परिचय, प्राय: इनके जीवनकाल से ही, इन्हें सफल साधक, भक्त कवि, मतप्रवर्तक अथवा समाज सुधारक मानकर दिया जाता रहा है। इनके नाम पर कबीरपंथ नामक संप्रदाय भी प्रचलित है।

पढ़ें :- जो भी गड़बड़ी करेगा, उसके खिलाफ क़ानून सख़्ती से कार्रवाई करेगा...संभल हिंसा पर बोले केशव मौर्य

संत कबीर दास भक्ति काल के एकमात्र ऐसे कवि हैं, जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन समाज सुधार के कार्यो में लगा दिया। कबीर कर्म प्रधान कवि थे, इसका उल्लेख उनकी रचनाओं में देखने को मिलता है। कबीर का संपूर्ण जीवन समाज कल्‍याण एवं समाज हित में उल्लेखनीय है। कबीर, हकीकत में विश्‍व प्रेमी व्यक्तित्व के कवि माने जाते हैं।

माना जाता है कि कबीर का जन्म सन् 1398 ई.(लगभग), लहरतारा ताल, काशी के समक्ष हुआ था। कबीर के जन्म के विषय में बहुत से रहस्य हैं।कुछ लोग कहते हैं कि कबीर जन्‍म से ही मुसलमान थे और बाद में उन्हें अपने गुरु रामानंद से हिन्दू धर्म का ज्ञान प्राप्त हुआ।

कबीर निरक्षर थे, उन्हें शास्त्रों का ज्ञान अपने गुरु स्वामी रामानंद द्वारा प्राप्त हुआ था। कबीर का नाम कबीरदास, कबीर साहब एवं संत कबीर जैसे रूपों में भी प्रसिद्ध है। ये मध्यकालीन भारत के स्वाधीनचेता महापुरुष थे।

आइए एक नजर डालते हैं कबीर दास के दोहों पर…

पढ़ें :- UP News: संभल बवाल में तीन की माैत...ओवैसी बोले-इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, ज़िम्मेदार अफसरों के खिलाफ हो कार्यवाही

बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय, जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।

पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय, ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।

साधु ऐसा चाहिए, जैसा सूप सुभाय, सार-सार को गहि रहै, थोथा देई उड़ाय।

तिनका कबहुं ना निन्दिये, जो पाँवन तर होय, कबहुँ उड़ी आँखिन पड़े, तो पीर घनेरी होय।

धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय, माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय।

पढ़ें :- IPL Auction: भारतीय खिलाड़ियों पर खूब बरस रहे रुपये, पंत, श्रेयस ही नहीं ये खिलाड़ी भी महंगी कीमत में बिके

माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर,कर का मनका डार दे, मन का मनका फेर।

दोस पराए देखि करि, चला हसन्त हसन्त,अपने याद न आवई, जिनका आदि न अंत।

जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिये ज्ञान,मोल करो तरवार का, पड़ा रहन दो म्यान।

बोली एक अनमोल है, जो कोई बोलै जानि,हिये तराजू तौलि के, तब मुख बाहर आनि।

अति का भला न बोलना, अति की भली न चूप,अति का भला न बरसना, अति की भली न धूप।

पढ़ें :- IPL Auction: आईपीएल के इतिहास में सबसे महंगे खिलाड़ी बने ऋषभ पंत, लखनऊ ने 27 करोड़ में खरीदा
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...