नई दिल्ली: पंचांग और ज्योतिष गणना के अनुसार वर्ष 2021 में कुल दो चंद्र ग्रहण लगने जा रहे हैं। साल का पहला चंद्र ग्रहण महत्वपूर्ण माना जा रहा है। साल का प्रथम चंद्र ग्रहण 26 मई को लगने जा रहा है।
चंद्र ग्रहण का भारत पर क्या असर रहेगा, इसको जानने की सभी के मन में तीव्र इच्छा है। ज्योतिष गणना के अनुसार इस बार का चंद्र ग्रहण पूर्ण है लेकिन भारत में यह उपच्छाया ग्रहण माना जाएगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा, लेकिन इस चंद्र ग्रहण को देश के सभी हिस्सों में नहीं देखा जा सकेगा। वर्ष 2021 का दूसरा ग्रहण 19 नवंबर को लगेगा।
चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल का विशेष महत्व माना गया है। सूतक काल में किसी भी प्रकार के मांगलिक और शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। वहीं सूतक काल में कुछ विशेष नियमों का पालन करने की पंरपरा है। लेकिन साल के पहले चंद्र ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होगा। इस चंद्र ग्रहण में सूतक काल इसलिए मान्य नहीं होगा क्योंकि साल का पहला चंद्र उपच्छाया चंद्र ग्रहण है। जब चंद्र ग्रहण उपच्छाया होता है तो सूतक काल मान्य नहीं होता है।
चंद्र ग्रहण समाप्त होने पर स्नान करना चाहिए और पूजा स्थल को शुद्ध करना चाहिए। इसके बाद पूजा आदि करने के बाद गंगाजल को घर में छिड़काव करना चाहिए।