सोमवार को पांच जुलाई को योगिनी एकादशी व्रत है। आषाढ़ माह में कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है।
नई दिल्ली। सोमवार को पांच जुलाई को योगिनी एकादशी व्रत है। आषाढ़ माह में कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है। हर माह में दो बार एकादशी तिथि पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। एकादशी व्रत करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है।
योगिनी एकादशी मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारम्भ – जुलाई 04, 2021 को 07:55 रात्रि बजे
एकादशी तिथि समाप्त – जुलाई 05, 2021 को 10:30 रात्रि बजे
पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 6 जुलाई, 05:29 सुबह से 08:16 सुबह
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योगिनी एकादशी व्रत पूजा का शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त- 04:08 सुबह से 04:48 सुबह
अभिजित मुहूर्त- 11:58 से 12:54 दोपहर
विजय मुहूर्त- 02:45 दोपहर से 03:40 दोपहर
गोधूलि मुहूर्त- 07:09 शाम से 07:33 शाम
अमृत काल- 06:47 सुबह से 08:35 सुबह
योगिनी एकादशी पूजा- विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।
अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
भगवान की आरती करें।
भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।
इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
योगिनी एकादशी महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी व्रत करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
एकादशी व्रत रखने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है।
इस व्रत को करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
एकादशी पूजा सामग्री लिस्ट
श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति
पुष्प
नारियल
सुपारी
फल
लौंग
धूप
दीप
घी
पंचामृत
अक्षत
तुलसी दल
चंदन
मिष्ठान