लोकसभा चुनाव 2024 का शंखनाद होते ही देशभर में सियासी पारा बढ़ता जा रहा है। इंडिया और एनडीए गठबंधन की तरफ से अपने अपने दावे किए जा रहे हैं। इन सबके बीच बिहार एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर अभी भी पेंच फंसा हुआ है। कहा जा रहा है कि, आज देर रात तक बिहार में एनडीए का सीट बंटवारे पर मुहर लग सकती है।
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 का शंखनाद होते ही देशभर में सियासी पारा बढ़ता जा रहा है। इंडिया और एनडीए गठबंधन की तरफ से अपने अपने दावे किए जा रहे हैं। इन सबके बीच बिहार एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर अभी भी पेंच फंसा हुआ है। कहा जा रहा है कि, आज देर रात तक बिहार में एनडीए का सीट बंटवारे पर मुहर लग सकती है। हालांकि, महागठबंधन को उम्मीद है कि चुनाव से पहले एनडीए में बड़ी टूट होगी, जिस पर वो नजर रखे हुए है। बताया ये भी जा रहा है कि, इसके चलते ही महागठबंधन प्रत्याशियों के एलान पर देर कर रही है।
बता दें कि, बिहार की 40 लोकसभा सीटों के बंटवारे के लिए एनडीए की दिल्ली में बैठक हो रही है। इस बैठक के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार की शाम करीब पौने सात बजे दिल्ली रवाना होंगे, जिसमें सीट बंटवारे को लेकर चर्चा होगी और उस पर अंतिम मुहर लगेगी।
दरअसल, जदयू 2019 लोकसभा चुनाव के हिसाब से 16 सीटों को लेकर आश्वस्त है और भाजपा भी 17 सीटों पर तैयारी कर रही है, लेकिन शेष घटक दलों के बीच सीट बंटवारे के कारण असहज स्थिति को देखते हुए एक फाइनल बैठक बुलाई गई है।
पशुपति पारस चल रहे हैं नाराज
बिहार एनडीए का अहम हिस्सा रहे पशुपति पारस नाराज चल रहे हैं। बीते दिनों उन्होंने प्रेसवार्ता के दौरान अपनी नाराजगी भी जाहिर की थी। उन्होंने साफ कहा था कि वो हाजीपुर सीट से ही चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, अब देखना होगा कि एनडीए में सीट बंटवारे के दौरान उन्हें कितनी सीटें मिलती हैं?
पारस, मांझी, कुशवाहा पर सबकी नजर टिकी
बता दें कि, पशुपति कुमार पारस की लोक जनशक्ति पार्टी (राष्ट्रीय), उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा और जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा-सेक्युलर को कितनी सीटें दी जाएं इस पर भी सबकी नजर है। यह तीनों भी एनडीए के मौजूदा घटक हैं। इसमें कुशवाहा दो सीटें मांग रहे थे। मांगने को मांझी भी मांग रहे हैं और पारस को तो चाहिए ही चाहिए। ऐसे में अगर भाजपा 17, जदयू 16 सीटें रख ले तो बाकी सात सीटों में चिराग पासवान को संतुष्ट करते हुए इन तीनों के बीच बांटना आसान काम नहीं है।