जीवन में यात्रा करने का रोमांच सबको लुभाता है। रेल यात्रा की यादें पूरे जीवन भर ताजा रहती है। प्राकृतिक नजारों के संग पहाड़ों, नदी,घाटी से गुजरते हरियाली निरखते सफर का आनन्द दोगुना हो जाता है।
Longest train Switzerland: जीवन में यात्रा करने का रोमांच सबको लुभाता है। रेल यात्रा की यादें पूरे जीवन भर ताजा रहती है। प्राकृतिक नजारों के संग पहाड़ों, नदी,घाटी से गुजरते हरियाली निरखते सफर का आनन्द दोगुना हो जाता है। रेल यात्रा में प्रकृति के अलग-अलग पहलू नजर आ जाते हैं। स्विट्जरलैंड भी बेहद खूबसूरत देश है जहां की प्राकृतिक खूबसूरती मन मोह लेती है। हाल ही में स्विस रेलवे के 175 साल पूरे हुए हैं। इस मौके पर यहां की रेल कंपनी ने ‘दुनिया की सबसे बड़ी ट्रेन’ को बना दिया, जिसने 25 किलोमीटर का सफर तय किया। यह ट्रेन 22 पेचदार सुरंगों से गुजरी और अपने रास्ते में 48 पुलों को पार किया। ट्रेन को 7 ड्राइवरों पर 25 ट्रेनों को एक साथ चलाने की जिम्मेदारी थी। 25 किलोमीटर की इस यात्रा को सिर्फ 35 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पार किया गया जिसे पूरा करने में करीब 1 घंटे का वक्त लगा।
इंजीनियरिंग के करिश्मे
रिपोर्ट के अनुसार बीते 29 अक्टूबर को स्विट्जरलैंड में दुनिया की सबसे लंबी यात्री ट्रेन चली जिसमें 3000 यात्री यात्रा कर रहे थे। मौका था स्विट्जरलैंड रेलवे की 175वीं सालगिरह का। ये देश अपने पहाड़ों के लिए बहुत फेमस है। ऐसे में यहां ट्रेनों का चलना काफी मुश्किल भी है पर इंजीनियरिंग के करिश्मे की वजह से ये संभव हो पाता है। रेहटिशे बान (Rhaetische Bahn) या रेहटीशियन रेलवे एक स्विस ट्रांसपोर्ट कंपनी है जिसने स्विस ट्रेन निर्माता कंपनी स्टैडलर के साथ मिलकर ट्रेन का निर्माण किया।
दुर्गम रास्ते से गुजरी ट्रेन
जिस रूट पर ये ट्रेन चली उसे एलबुला लाइन कहते हैं और वो यूनेस्को का वर्ल्ड हेरिटेज है. ये लाइन पूर्वी स्विट्जरलैंड के प्रेडा से एलवान्यू तक चलती है। आल्प्स पर्वतमाला से गुजरने वाली ये रेलवे लाइन काफी मुश्किल है।