प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जोड़ी का जादू देश ही नहीं विदेशों में लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। चुनावी मंच पर जब योगी-मोदी की जोड़ी होती है तो विपक्ष का सूपड़ा साफ हो जाता है। अब आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में हैट्रिक जमाने के लिए बीजेपी सरकार और सुशासन के स्तर पर भी ये केमिस्ट्री और मज़बूत करने के लिए अभी से किला बंदी शुरू कर दी है।
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की जोड़ी का जादू देश ही नहीं विदेशों में लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। चुनावी मंच पर जब योगी-मोदी की जोड़ी होती है तो विपक्ष का सूपड़ा साफ हो जाता है। अब आगामी लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha elections 2024) में हैट्रिक जमाने के लिए बीजेपी सरकार और सुशासन के स्तर पर भी ये केमिस्ट्री और मज़बूत करने के लिए अभी से किला बंदी शुरू कर दी है।
इसको लेकर रणनीति तैयार करने के लिए पीएम मोदी सोमवार 16 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ 5 कालिदास मार्ग पर डिनर करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी सीएम योगी को सुशासन का मंत्र देंगे। इस मुलाकात को सीएम योगी की राह सुगम बनाने की ओर एक कदम के तौर पर तो देखा ही जा रहा है। इसके अलावा पीएम मोदी के तौर और भी कई सियासी मायने हैं।
पीएम मोदी 16 को ही बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर नेपाल के लुम्बिनी गार्डन में आयोजित एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लेने वाले हैं। प्रधानमंत्री इसके लिए दिल्ली से कुशीनगर होते हुए नेपाल जाएगें और फिर वहां से लौटकर शाम को सीएम आवास पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर डिनर करेंगे।
सूत्रों के अनुसार सभी मंत्रियों को 16 मई को लखनऊ में ही रुकने और अपना आरटीपीसीआर टेस्ट करवाने को भी कहा गया है। इसके साथ ही पीएम मोदी की सुरक्षा के लिए एसपीजी की टीम ने भी सुरक्षा और प्रोटोकॉल की प्रक्रिया पर काम करना शुरू कर दिया है।
मुलाकात बनाएगी सत्ता का रास्ता
पीएम मोदी का अचानक इस तरह सीएम आवास आना और उनकी टीम के साथ बैठक करना कई सारे संदेश दे रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने में तो यह लाभदायी होगा ही। इसके साथ ही यह योगी के नेतृत्व पर निर्विवाद मुहर के तौर पर भी देखा जा रहा है।
बता दें कि वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव दिल्ली की सत्ता पर तीसरी बार जीत हासिल करने का सपना पूरा करने के लिए यूपी का अहम रोल है। यूपी की सियासी जमीन से योगी-मोदी दोनों सत्ता का रास्ता तय करने वाले हैं।