लखनऊ: वर्ष 2016 में मुन्ना बजरंगी के साले पुष्पजीत सिंह को गोलियों से छलनी कर दिया था। पुष्पजीत की हत्या से बजंरगी गिरोह बेहद कमजोर हो गया था। अभी बजंरगी इससे सम्भल पाता कि विरोधियों ने उसके करीबी मो. तारिक को इसी तरह गोमती नगर में मरवा दिया। इन दो हत्याओं से मुन्ना बजरंगी ही नहीं कांपा था बल्कि उसका साथ देने वाला मुख्तार अंसारी भी दहशत में आ गया था। इन दोनों वारदातों को पुलिस चार साल में नहीं सुलझा सकी है और अब एक और गैंगवार में मुख्तार के ही करीबी माने जाने वाले अजीत को मौत की नींद सुला दिया गया। पुलिस अफसर बुधवार देर रात इन मुद्दो पर भी चर्चा करते रहे।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुख्तार दो साल पहले बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद से काफी दहशत में है। यही वजह है कि वह पंजाब जेल से यूपी में नहीं आना चाह रहा है। मुख्तार के कई करीबी बीच में इन हत्याओं की साजिशकर्ता का पता लगाने में लगे रहे। पर, एक साल से जिस तरह से मुख्तार के गिरोह पर शिकंजा कसता चला गया, उससे वह अपने को बेहद कमजोर महसूस करने लगा।