आयुर्वेद की दुनिया में वाग्भट ऋषि का नाम बहुत ही आदर-सम्मान के साथ लिया जाता है।आयुर्वेद में वाग्भट का स्थान भी आचार्य आत्रेत और सुश्रुत के समान ही है. इनमें अंतिम वाग्भट हुए। वाग्भट ऋषि ने आयुर्वेद के अनेक ग्रंथों की रचना की।
पढ़ें :- Side effects of consuming excess salt: कहीं आप जरुरत से ज्यादा नमक नहीं खा रहे, हो सकते हैं ये नुकसान
वाग्भट ऋषि ने आयुर्वेद के अनेक ग्रंथों की रचना की। लेकिन उनकी मृत्यु के बाद सभी प्रकाश में आए। इनमें अष्टांगसंग्रह और अष्टांगहृदय को तो अमूल्य निधि माना जाता है, जो कालांतक में आयुर्वेदिक चिकित्सा-शास्त्र के छात्रों द्वारा पाठ्य पुस्तक के रूप में प्रयोग होते रहे हैं। महाराज जी ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट के माध्यम से हेल्दी लाइफ के कुछ टिप्स शेयर किए हैं जिन्हे अपने जीवन में उतार कर आप हेल्दी रह सकते है।
इस पोस्ट को सेव करके सुरक्षित कर लें
“महर्षि वाग्भट” जी के 5 नियम आपको कभी बीमार नही होने देंगे, आपकी जिंदगी बदल देंगे।
• पहला :- दिन की शुरुआत पानी से करें। सुबह उठकर बिना कुल्ला किये सबसे पहले हल्का गर्म पानी एक से तीन गिलास तक पीयें। आपको कभी पत्थरी नही होगी मोटापा नही… pic.twitter.com/0ZQ9s4VFbf
पढ़ें :- Side effects of eating bread: सुबह सुबह चाय के साथ ब्रेकफास्ट में ब्रेड खाना है सेहत के लिए कितना नुकसानदायक
— 𝗠𝗮𝗵𝗮𝗿𝗮𝗷 𝗝𝗶 (@maharaaj_g) November 4, 2023
“महर्षि वाग्भट” जी के 5 नियम आपको कभी बीमार नही होने देंगे, आपकी जिंदगी बदल देंगे।
पहला :- दिन की शुरुआत पानी से करें। सुबह उठकर बिना कुल्ला किये सबसे पहले हल्का गर्म पानी एक से तीन गिलास तक पीयें। आपको कभी पत्थरी नही होगी मोटापा नही होगा पेट रोजाना आसानी से साफ होगा।
दूसरा :- पानी हमेशा नीचे बैठ घूट-घूट कर पीयें जैसे पक्षी पीते हैं। इसी विशेषता के कारण पक्षी कभी बीमार नही होते। क्योंकि मुंह की लार एक-एक घूट के साथ मिलकर अंदर जाती है।लार औषधि है।
पढ़ें :- Benefits of apricot: स्किन और पेट से लेकर वजन कम करने तक खुबानी खाने से होते हैं कई चमत्कारी फायदे
तीसरा :- खाना खूब चबा-चबा कर खाएं। खाने को इतना चबाएं जितने हमारे दांत यानी 32 बार चबाये। ऐसा करने से खाना जल्दी पचेगा आपको गैस भी नहीं बनेगी।
चौथा :- भोजनान्ते विषम वारि अर्थात भोजन के अंत में पानी पीना विष पीने के बराबर है। पानी पीने से खाया हुआ अन्न सड़ेगा। सड़े हुए अन्न से आपको 103 भयानक बीमारियां होंगी।
पांचवां :- विरुद्ध आहार न खाएं। एक दूसरे की विरोधी वस्तुएं न खाएं। विरुद्ध आहार से भी बहुत सारी बीमारियां आपको आती हैं ।
विरुद्ध आहार जैसे दूध के साथ नमक, दूध वाली वस्तु के साथ नमक वाली कोई भी वस्तु
दूध – प्याज
दूध – कटहल
दही – लहसुन