प्राकृतिक सौन्दर्य (natural beauty) से भरपूर मेघालय राज्य (Meghalaya State) की संस्कृति (Culture) की चर्चा दूर देश में होती है। मेघलाय Meghalaya) के एक गांव कोंगथोंग (Culture) में वर्षों से एक अनूठी संस्कृति (unique culture )चली आ रही है।
whistling village: प्राकृतिक सौन्दर्य (natural beauty) से भरपूर मेघालय राज्य (Meghalaya State) की संस्कृति (Culture) की चर्चा दूर देश में होती है। मेघलाय Meghalaya) के एक गांव कोंगथोंग (Culture) में वर्षों से एक अनूठी संस्कृति (unique culture )चली आ रही है। सदियों पुरानी परंपरा (centuries old tradition) का पालन करने वाले कोंगथोंग के लोग गा कर आपस में बात करते हैं। इस गांव के हर निवासी का नाम एक धुन (Melody) है। यहां माताएं अपने बच्चे का आम नाम न रख कर उसे गाना गा कर पुकारती हैं। इस कारण कोंगथोंग को व्हिस्लिंग विलेज कहाजाता है।
कोंगथोंग गांव में जब बच्चे का जन्म होता है तो मां के दिल से जो भी धुन निकलती है वह बच्चे के नाम हो जाती है और यह प्रथा वाकई दिल को छू लेने वाली है। गांव में बातें कम और धुनें अधिक सुनाई देती हैं। यहां लोगों के नाम नहीं होते बल्कि उन्हें पुकारने के लिए धुन का इस्तेमाल किया जाता है।
मेघालय के शिलांग से 65 किमी दूर कोंगथोंग गांव के प्रत्येक व्यक्ति के दो नाम हैं। एक शब्दों में, दूसरा सीटी की धुन के रूप में। सदियों पुरानी परंपरा जीवित है।