एलजेपी नेता चिराग पासवान बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी का 'हनुमान' बताने नहीं चूकते थे। लेकिन अब चिराग पासवान ने बुधवार को होने वाले कैबिनेट विस्तार में अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की खबरों पर कड़ा ऐतराज जताया है।
नई दिल्ली। एलजेपी नेता चिराग पासवान बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी का ‘हनुमान’ बताने नहीं चूकते थे। लेकिन अब चिराग पासवान ने बुधवार को होने वाले कैबिनेट विस्तार में अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की खबरों पर कड़ा ऐतराज जताया है। चिराग ने ट्वीट कर कहा कि पारस को तो पहले ही पार्टी से निष्कासित कर दिया जा चुका है, लेकिन अब उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने पर सख्त आपत्ति दर्ज कराती है।
चिराग ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री जी के इस अधिकार का पूर्ण सम्मान है। वह अपनी टीम में किसे शामिल करते हैं और किसे नहीं? लेकिन जहां तक एलजेपी का सवाल है पारस हमारे दल के सदस्य नहीं हैं। पार्टी को तोड़ने जैसे कार्यों को देखते हुए उन्हें मंत्री, उनके गुट से बनाया जाए तो एलजेपी का कोई लेना देना नहीं है।
चिराग ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष के द्वारा पार्टी से निकाले गए सांसदों में से पशुपति पारस को नेता सदन मानने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी ने लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष उनके फैसले पर पुनः विचार याचिका दी थी, जो अभी भी विचाराधीन है। बता दें कि मोदी कैबिनेट का आज विस्तार हो रहा है और कुल 43 मंत्रियों को नए मंत्रिमंडल में शामिल किया जा रहा है। कुछ मंत्रियों को प्रमोशन भी मिलने की खबर है।
चिराग ने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी ने आज लोकसभा अध्यक्ष के प्रारम्भिक फैसले जिसमें पार्टी से निष्कासित सांसद पशुपति पारस को लोजपा का नेता सदन माना था। इस फैसले के खिलाफ आज दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई है।