मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (Moradabad Development Authority) की नया मुरादाबाद योजना (New Moradabad Scheme) में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। शहर के गांगन नदी (Gangan River) से सटी रेत की सरकारी जमीन का करोड़ों रुपये मुआवजा एक उद्योगपति ने ले लिया है। बता दें कि इस मुआवजे की रकम 60 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। मामला संज्ञान में आने के बाद से जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।
मुरादाबाद। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (Moradabad Development Authority) की नया मुरादाबाद योजना (New Moradabad Scheme) में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। शहर के गांगन नदी (Gangan River) से सटी रेत की सरकारी जमीन का करोड़ों रुपये मुआवजा उद्योगपति ने ले लिया है। बता दें कि इस मुआवजे की रकम 60 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। मामला संज्ञान में आने के बाद से जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।
इसके बाद एसडीएम सदर कोर्ट (SDM Sadar Court) से उद्योगपति को नोटिस जारी किया गया है। बता दें कि जिनको नोटिस जारी किया गया है। उन उद्योगपतियों के नाम विनोद कुमार लोहिया, विभोर कुमार लोहिया व विनय कुमार लोहिया है। जिस जमीन के मुआवजे का भुगतान हुआ वो रेत की सरकारी जमीन थी। इस खेल में प्राधिकरण में तैनात रह चुके कई उपाध्यक्षों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। एक सीनियर प्रशासनिक अधिकारी का कहना है कि नियमों कानून तो ताक पर रखकर उद्योगपति की भूमि का लैंडयूज बदला गया। ताकि उसे मुआवजे में फायदा हो सके। जबकि एक बार अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद लैंडयूज नहीं बदला जा सकता।
SDM ने कहा कि नोटिस जारी किए
एसडीएम सदर (SDM Sadar) ने बताया कि उन्होंने संबंधित पक्ष को नोटिस जारी किया है। बता दें कि मामला बड़े उद्योगपति से जुड़ा है। इसलिए अधिकारी एक्शन में ढुलमुल रवैय्या अपनाए हुए हैं। पूरा प्रकरण करीब 2 माह पहले अधिकारियों के सामने खुलकर आ चुका है। एक अधिकारी ने बताया कि जितना मुआवजा नया मुरादाबाद योजना (New Moradabad Scheme) के सभी किसानों को मिलाकर दिया गया, उतना मुआवजा अकेले इस उद्योगपति को दिया गया है। नया मुरादाबाद योजना (New Moradabad Scheme) में गांगन नदी के किनारे इस उद्योगपति की जमीन है। जिसके मालिकाना हक को लेकर भी दस्तावेजों में गड़बड़ी सामने आई हैं।
उद्योगपति के लिए बदल दी गई बंधे की डिजाइन
शहर के इस बड़े निर्यातक की कारगुजारी उस वक्त सामने आई। जब उसने बंधे में गई अपनी जमीन के लिए मुआवजे की डिमांड की। छानबीन की गई तो पता चला कि गांगन नदी के किनारे जो बंधा बना है वो अपनी स्वीकृत डिजाइन से इतर है। बता दें कि इस बड़े उद्योगपति और नामी निर्यातक को लाभ पहुंचाने के लिए बंधे को स्वीकृत डिजाइन से हटाकर बनाया गया। ताकि निर्यातक की जमीन बंधे के दूसरी तरफ गांगन की साइड न जाकर नया मुरादाबाद योजना (New Moradabad Scheme) में आ जाए। अब इस मामले के उजागर होने के बाद मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (Moradabad Development Authority) के अधिकारी माथापच्ची कर रहे हैं।
उच्चाधिकारियों व भूमाफियाओं के गठजोड़ से शहर की गांगन नदी नाले में हो चुकी है तबदील
मुरादाबाद शहर की गांगन नदी (Gangan River) की इस समय एक नाले में तबदील हो चुकी है। शहर के बाहर नदी का स्वरूप आपको दूसरा दिखेगा, लेकिन शहर के अंदर नदी की सूरत देख आप सहज ही अंदाजा लगा लेंगे कि प्रशासन से मिलीभगत कर किस कदर अतिक्रमण किया गया है। शहर के कई भूमाफियाओं ने प्रशासन से मिलीभगत कर नदी का अतिक्रमण कई कालोनियां बसा दी हैं। बता दें कि hindi.pardaphash.com जल्द ही मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (Moradabad Development Authority), जिला प्रशासन के उच्चाधिकारियों व भूमाफियाओं के गठजोड़ का खुलासा करेगा।